Homeराजस्थानकोटा-बूंदीकृषि उपज मंडी समिति टोंक में हुई किसान महापंचायत की बैठक

कृषि उपज मंडी समिति टोंक में हुई किसान महापंचायत की बैठक

मांगें पुरी नही होने से खपा किसानों ने दी कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन की चैतावनी

स्मार्ट हलचल टोंक/किसान महापंचायत द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित किसानों की अन्य मांगों को लेकर प्रशासन द्वारा मांगे पुरी नही करने सहित अन्य मुद्दों पर 7 अप्रैल सोमवार को कृषि उपज मंडी समिति टोंक में किसानों की बैठक प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित हुई।बैठक में पूर्व में जिला कलेक्टर के साथ मांगों पर हुई वार्ता में प्रशासन द्वारा अब तक भी कोई कार्रवाई नही होने से नाराज किसानों ने एक बार फिर मोर्चा खोलने की ठान ली है।किसानों ने सरसो सत्याग्रह कर 6 हजार प्रति किंवटल के भाव मे सरसों खरीदने की मांग रखी थी किंतु मंडी में किसानों को पुरा दाम नही मिल रहा है।तत्काल सरसों खरीद शुरू करे तथा प्रति किसान का 40 किंवटल माल सरसों एमएसपी पर खरीद करने की बार बार मांग की जा रही है।कुछ नई जगहों पर भी सरसों खरीद केंद्र खोलने की मांग रखी है।कृषि मंडी निवाई सचिव द्वारा किसानों के विरुद्ध एवं किसानों के हित में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में लाभान्वित महिला कृषक के विरुद्ध षड्यंत्र पर उच्चाधिकारियों के आदेश की पालना नही करने के आरोप लगाए है।किसानों की मजदूरी दर वृद्धि में पक्षपात रवैये को रोकने की बात बताई है।मंडी परिसर में हो रही अव्यवस्थाओं पर आरोप लगाए है।ईआरसीपी में 2.80 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित की बात कही गई है जिससे टोंक जिले के 39 गांव प्रभावित होने जिनमे निवाई पीपलू, टोंक तहसील के वंचित गांवों को नहरों द्वारा पानी दिया जाए जो प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजने की मांग की है।बीसलपुर बांध में 8 टीएमसी पानी किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए आरक्षित है किंतु पानी पुरा होने पर भी कटौती की जाती है।बीसलपुर बांध के विस्थापितों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए।ईसरदा बांध डूब क्षेत्र के किसानों को 2014 के बजाय वर्तमान डीएलसी का चार गुणा मुआवजा दिया जाये तथा मालियों की झोंपड़ियां की जमीन को खुर्द बुर्द नही किया जाये।कम्पनी के पास 3.50 लाख स्क्वायर मिट्टी होने के बावजूद भी किसानों की फसलों को बर्बाद करने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है जो उचित नही है।किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग में सहमति को 2 माह होने के बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई है।साथ ही किसानों ने आरोप लगाए की यूरिया 350 व डीएपी 1750 रुपये तक दाम किसानों से डीलरों द्वारा वसूले गये।न्यूनतम समर्थन मूल्य केंद्रों का विस्तार कर उनियारा तहसील में बनेठा,गोठड़ा टोंक तहसील में साखना,डारडा हिन्द, मेहंदवास, पीपलू तहसील में पांसरोटियां,जौंला,लोहरवाड़ा देवली तहसील में निवारिया,फोल्याडा, धुँवाकला,निवाई तहसील में जामडोली,जोधपुरिया,खंडवा,डागरथल,मुंडिया,दहलोद,मालपुरा तहसील में बरोल,सोडा में नये खरीद केंद्र खोलने की मांग रखी।फसल खराबे में निवाई क्षेत्र के तीन ही गांवों का नाम आने पर किसानों ने आक्रोश जताया तथा प्रशासन पर पक्षपात अपनाने।के आरोप लगाए है।सुअरों से फसल बर्बादी को रोकने के कारगर उपाय करने की मांग रखी गई।बनेठा क्षेत्र की 8 हजार बीघा जमीन को गौ – अभ्यारण्य का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने सही अन्य मांगों पर जिला कलेक्टर सौम्या झा को ज्ञापन दिया गया एवं मांगे पूरी नही होने पर टोंक कलेक्ट्रेट पर अनिश्चिकालीन धरना प्रदर्शन करने की चैतावनी दी है।

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