दिलखुश मोटीस
सावर(अजमेर)@स्मार्ट हलचल|अजमेर–कोटा स्टेट हाइवे पर सावर–केकड़ी रोड स्थित गाड़िया लोहार कॉलोनी के सामने हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि हाइवे अब सड़क नहीं, गंदे पानी का नाला बन गया है। नालियों का बदबूदार पानी सरेआम हाइवे पर बह रहा है, सड़क गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुकी है और उन्हीं गड्ढों में भरा गंदा पानी रोजाना दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है। प्रशासन की लापरवाही ने इस मार्ग को वाहन चालकों के लिए मौत का जाल बना दिया है।
दिन हो या रात, वाहन गड्ढों में धंसकर बीच सड़क में खड़े हो जाते हैं। कई बार दोपहिया सवार फिसलकर गिर चुके हैं, तो चारपहिया वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इसके बावजूद नगरपालिका सावर और सार्वजनिक निर्माण विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि गंदा पानी रोड पर बहने की शिकायतें दर्जनों बार की जा चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह वही स्टेट हाइवे है, जिससे रोजाना जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अफसर और अधिकारी गुजरते हैं। सावर में उपखंड अधिकारी कार्यालय, तहसीलदार और विकास अधिकारी के दफ्तर होने के बावजूद हालात पर किसी का ध्यान नहीं जाना, सिस्टम की संवेदनहीनता को उजागर करता है।
इधर, वाहन चालकों से टोल प्लाजा पर पूरे पैसे वसूले जा रहे हैं, लेकिन बदले में न सुरक्षित सड़क मिल रही है और न ही बुनियादी सुविधा। सवाल यह है कि जब सड़क की हालत नाले जैसी है तो टोल किस बात का लिया जा रहा है?
लगातार हो रही दुर्घटनाओं से ग्रामीणों में उबाल है। लोगों का साफ कहना है कि यदि जल्द नालियों का पानी रोका नहीं गया और सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे। अब देखना यह है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे के बाद जागता है या समय रहते इस बदहाली पर ब्रेक लगाता है।


