कोटड़ी। मूलचन्द पेसवानी
उपखंड क्षेत्र के निकटवर्ती गांव अखेपुर में शनिवार को धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के वातावरण में चारभुजानाथ मंदिर के नए निर्माण की नींव स्थापना विधिवत रूप से संपन्न हुई। सवा 55 लाख रुपये की लागत से सफेद संगमरमर में बनने वाले इस भव्य शिखरबंद मंदिर का शुभारंभ गांववासियों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ किया गया।
सुबह से ही गांव में धार्मिक उल्लास का माहौल बना रहा। मंदिर निर्माण समिति के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में गांव के गणमान्य नागरिक, महिलाएं, युवा एवं बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। विद्वान पंडितों ने मंदिर निर्माण की नींव डालने से पूर्व चारभुजानाथ भगवान की प्राचीन प्रतिमा को विधि-विधान से अस्थायी स्थल पर स्थापित किया। इसके बाद मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन और नींव स्थापना की रस्म अदा की गई।
मंदिर निर्माण समिति के सदस्य भवानी शंकर चोधरी ने बताया कि पुराने मंदिर का स्वरूप अब पूरी तरह से बदला जाएगा। सफेद संगमरमर से बने इस नए मंदिर में अत्याधुनिक स्थापत्य कला का समावेश रहेगा। मंदिर का कुल निर्माण कार्य सवा 55 लाख रुपये की लागत से दो वर्षों में पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
गांव की आस्था को मिलेगा नया स्वरूप
चारभुजानाथ मंदिर अखेपुर गांव में केवल पूजा का स्थल नहीं बल्कि सामाजिक एकता का भी केंद्र रहा है। यहां हर वर्ष धार्मिक मेले, भजन संध्याएं, अन्नकूट महोत्सव, विवाह संस्कार और अन्य धार्मिक आयोजनों का आयोजन होता रहा है। वर्षों पुराना यह मंदिर अब अपनी भव्यता के साथ ग्रामीणों की आस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। भवानी शंकर ने बताया कि मंदिर निर्माण में गांव के भामाशाहों और श्रद्धालुओं का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। कई परिवारों ने निर्माण कार्य में आर्थिक और श्रमदान के रूप में योगदान देने का संकल्प लिया है। इस परियोजना को लेकर पूरे गांव में उत्साह देखा जा रहा है।
पूरे गांव में भक्ति रस में डूबा वातावरण
शनिवार को नींव स्थापना कार्यक्रम के दौरान पूरे गांव में भक्ति रस का माहौल देखने को मिला। गांव की गलियों से लेकर मंदिर परिसर तक हर स्थान पर सजावट की गई थी। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में मंगल गीत गाती हुई मंदिर प्रांगण में पहुंचीं। वहीं युवाओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर भजनों की प्रस्तुति दी।
गांव के बुजुगों ने बताया कि वह कई वर्षों से इस मंदिर में सेवा कार्य कर रहे हैं। आज जब मंदिर को नया स्वरूप देने की शुरुआत हो रही है तो यह पूरे गांव के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के बाद आने वाली पीढ़ियों के लिए यह आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर रहेगा।
शिखरबंद शैली में बनेगा मंदिर
मंदिर निर्माण समिति के अनुसार नया मंदिर पारंपरिक शिखरबंद शैली में तैयार किया जाएगा। इसमें मुख्य गर्भगृह, मंडप, प्रवेश द्वार, सभा मंडप और अन्य आवश्यक कक्ष बनाए जाएंगे। मंदिर परिसर में सुंदर बगीचा, जलकुंड और विश्राम गृह भी प्रस्तावित हैं। संरचना का डिजाइन पहले ही विशेषज्ञ वास्तुविदों द्वारा तैयार कर लिया गया है। निर्माण में उच्च गुणवत्ता के सफेद संगमरमर का उपयोग होगा, जिसे विशेष रूप से राजस्थान के ख्यातनाम खनिज क्षेत्र से मंगवाया जाएगा।
गांववासियों ने जताई खुशी
नींव स्थापना के मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्य वर्षों से लंबित था, जिसे अब पूरा करने का शुभ अवसर आया है। गांव के युवा नेता दीपक शर्मा ने बताया कि मंदिर निर्माण से गांव की सांस्कृतिक गतिविधियों को और गति मिलेगी। उन्होंने सभी ग्रामीणों से इसमें बढ़-चढ़कर सहयोग करने की अपील भी की।
भव्य मंदिर निर्माण की उम्मीद
कार्यक्रम के समापन पर सभी श्रद्धालुओं ने मंदिर निर्माण के सफल और शीघ्र पूर्ण होने की कामना की। ग्रामीणों ने कहा कि आने वाले दो वर्षों में जब यह मंदिर पूर्णरूप से बनकर तैयार होगा, तब अखेपुर गांव एक नई पहचान के साथ धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर भी उभरेगा।