भक्तों ने सेवा, दान और भक्ति के साथ मनाया पुण्य पर्व
भीलवाड़ा, पेसवानी
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बुधवार को हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आम रस वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु, संत, सेवक और आगंतुक उपस्थित रहे, जिन्होंने इस सेवा आयोजन का लाभ उठाया। इस विशेष अवसर पर आश्रम के परमपूज्य महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन जी ने बताया कि यह सेवा परंपरा आश्रम में हर वर्ष अक्षय तृतीया के दिन निभाई जाती है। इसका उद्देश्य न केवल लोगों को भीषण गर्मी से राहत देना है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक तृप्ति और पुण्य लाभ भी प्रदान करना है। उन्होंने कहा, अक्षय तृतीया सनातन धर्म का एक अत्यंत पुण्यदायी पर्व है। इस दिन किए गए सेवा, दान और तप के कार्यों का अक्षय फल मिलता है।
स्वामी जी ने यह भी बताया कि अक्षय तृतीया का दिन भगवान परशुराम के जन्मोत्सव, गंगा अवतरण और त्रेता युग के प्रारंभ का प्रतीक है, जो इसे अत्यधिक पावन बनाता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इस दिन को सेवा, दान और सत्कर्म के माध्यम से और भी अधिक सार्थक बनाएं। आश्रम में आयोजित इस आयोजन में संत मायाराम, संत राजाराम, संत गोबिंद राम, महंत जमना दास जी समेत अन्य संतों और प्रमुख भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने मिलकर इस पुण्य दिन को भक्ति और सेवा के साथ मनाया। आम रस वितरण कार्यक्रम में आश्रम के सेवकों और कार्यकर्ताओं ने तन-मन से सहयोग किया। उन्होंने पूरी श्रद्धा और निष्ठा से भक्तों को आम रस परोसा और इस सेवा को सफल बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया। हरिशेवा उदासीन आश्रम का यह आयोजन समाज में सेवा और भक्ति का अद्भुत संदेश देता है। ऐसे आयोजनों से समाज में पारस्परिक प्रेम, सहयोग और आध्यात्मिकता की भावना को बल मिलता है। भक्तों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल आत्मिक संतोष मिलता है, बल्कि यह भी सिद्ध होता है कि सनातन धर्म की जड़ें सेवा और परोपकार में गहराई से रची-बसी हैं।