स्मार्ट हलचल यूपी/वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस-गोरखपुर रेलखंड पर सोमवार को इंदारा रेलवे जंक्शन पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दोपहर 12:50 बजे प्लेटफॉर्म पर पहुंची लिच्छवी एक्सप्रेस (14005) के एस-4 कोच से अचानक धुआं उठने लगा। इस घटना से स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद रेलवे अधिकारियों और लोको पायलट की सतर्कता से आग पर समय रहते काबू पा लिया गया, जिससे सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई।
घटना के समय स्टेशन मास्टर कार्यालय के पास मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत लोको पायलट को सूचना दी। लोको पायलट ने ट्रेन को रोका और स्थिति की जांच की। तकनीकी टीम ने अग्निशमन यंत्र की मदद से आग को नियंत्रित किया। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि एस-4 कोच के ब्रेक जाम होने के कारण घर्षण से अत्यधिक गर्मी पैदा हुई, जिससे धुआं उठने लगा। आग बुझाने और ब्रेक ठीक करने के बाद ट्रेन को करीब 17 मिनट की देरी से रवाना किया गया।
इंदारा रेलवे स्टेशन के प्रभारी अधीक्षक जयशंकर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि घटना के समय वे स्टेशन पर मौजूद नहीं थे। लेकिन वहां तैनात कर्मचारियों ने सतर्कता दिखाते हुए स्थिति को संभाल लिया और किसी अप्रिय घटना को होने से बचा लिया।
घटना के बाद डीआरएम वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव ने लोको पायलट और रेलवे कर्मचारियों की कार्यक्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की तत्परता और सूझबूझ ने न केवल एक बड़े हादसे को टाल दिया, बल्कि यात्रियों का रेलवे पर भरोसा भी मजबूत किया।
घटना के समय ट्रेन में मौजूद यात्रियों के बीच भय और हड़कंप का माहौल था। एस-4 कोच में सफर कर रहे एक यात्री ने कहा, “जब कोच से धुआं उठता देखा, तो डर लगने लगा। लेकिन रेलवे कर्मचारियों ने समय पर आग बुझा दी और हमें सुरक्षित रखा।”
हालांकि यह घटना बिना किसी नुकसान के टल गई, लेकिन इसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और रखरखाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों ने मांग की कि रेलवे को नियमित जांच और रखरखाव पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
लोको पायलट और तकनीकी टीम की सतर्कता ने इस घटना को टालकर सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई, जो उनके साहस और कुशलता का उदाहरण है। लिच्छवी एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग पर रवाना हो गई, लेकिन इस घटना ने सभी को सतर्क और जागरूक रहने का संदेश दिया।