बूंदी- अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने राज्य सरकार द्वारा एनपीएस के प्रावधान के सम्बन्ध में जारी 9 अक्टूबर 2025 आदेश के विरोध में आदेश के होली जलाई एवं 11 सूत्री मांग पत्र की मांगों को सरकार द्वारा न मानने पर दिया धरना एवं सौंपा ज्ञापन* ।
महासंघ के जिला अध्यक्ष सत्यवान शर्मा ने बताया कि प्रदेश व्यापी आवाहन के तहत प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों एवं लाखों संविदा कार्मिकों के प्रशासनिक एवं वित्तीय मांगों के सकारात्मक समाधान के लिए संयुक्त महासंघ का मांग-पत्र दिनांक 5 जनवरी, 2025 से शासन एवं सरकार में लंबित है। मांग पत्र कि मांगो पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने एवं निगम, बोर्ड, विश्वविद्यालय में लागू कि गई NPS के विरोध में संयुक्त महासंघ विवश हो कर प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों एवं लाखो संविदा कार्मिको के वित्तीय एवं प्रशासनिक हक एवं अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष चेतना यात्रा प्रारम्भ करने जा रहा है।
महासंघ के महामंत्री गोपाल लाल वर्मा ने बताया कि शासन एवं सरकार में विगत नो माह से लंबित मांग पत्र की मांगों पर द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से सकारात्मक निर्णय करवाने एवं निगम, बोर्ड, विश्वविद्यालय में लागू कि गई NPS के आदेश को प्रत्याहारित करवाने के लिए आज यह धरना प्रदर्शन किया गया है।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के 11 सूत्री मांग पत्र कि मांगो पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने एवं संवादहीनता के विरोध में तथा अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने आंदोलन का निर्णय किया है। अधीनस्थ सेवा के कर्मचारियों की वर्षों से लंबित पदोन्नतियां एवं पदोन्नति पदों के सृजन में विसंगतिया, महासंघ के मुख्य संरक्षक पुरुषोत्तम पारीक ने कहा कि आरजीएचएस योजना में कि जा रही काटोतियां से कर्मचारी एवं पेन्शनरों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पा रहा जो कर्मचारियों के लिए अन्याय है।
महासंघ के जिलाध्यक्ष सत्यवान शर्मा ने बताया कि कुछ विभागों में ऑन लाइन उपस्थिति के नाम पर दी जा रही प्रताड़ाना तथा अधीनस्थ सेवाओं के कर्मचारियों के साथ दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। अधीनस्थ सेवाओं के कर्मचारियों कि खेमराज समिति की रिपोर्ट के आधार पर ना हीं तो वेतन विसंगतियां दूर की गई है एवं ना ही पदोन्नति विसंगतियां दूर की जा रहीं है। अधीनस्थ सेवाओं के कर्मचारियों को पूरी सेवा काल में एक भी पदोन्नति का अवसर नहीं मिल रहा है। महासंघ से सम्बद्ध एएनएम एल एच वी, पशुधन निरीक्षक, शारीरिक शिक्षा अध्यापक ग्रेड तृतीय, नर्सिंग ऑफिसर, ग्राम विकास अधिकारी, तृतीय श्रेणी अध्यापक, पटवारी, कनिष्ठ नर्सिंग कंपाउंडर (आयुर्वेद), कांस्टेबल, सूचना सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, वनरक्षक, संगणक, वर्क चार्ज कर्मचारी एवं सहायक कर्मचारी आदि संवर्गों के मात्र 10 से 20 प्रतिशत पदोन्नति के पद है जिससे इनकी प्रथम पदोन्नति भी 15 से 20 वर्ष में होती है तथा द्वितीय पदोन्नति तो बहुत ही कम कर्मचारियों की होती है। यह बहुत बड़ी पदोन्नति विसंगति है। प्रत्येक संवर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति के पांच अवसर उपलब्ध करवाये जाए या सहायक कर्मचारी सहित प्रत्येक कर्मचारी को पदोन्नति के पांच अवसर नहीं होने की स्थिति में 7, 14, 21, 28 एवं 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जावे इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों कि उदासीनता के कारण वर्षों से पदोन्नतियां भी लंबित है। शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों एवं शारीरिक शिक्षकों पशु पालन विभाग, पंचायती राज विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग, राजस्व विभाग, कृषि विभाग, आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग आदि में 4 से 5 पदोन्नति वर्षों की पदोन्नतियां लंबित है। विभिन्न संवगों की पदनाम परिवर्तन की मांग पर सरकार द्वारा पिक एंड चूज की पॉलिसी अपनाई जा रही है जो न्यायोचित नहीं है, प्रत्येक संवर्ग की मांग पर व्यावहारिक एवं सम्मानजनक पदनाम परिवर्तन किये जाये।
प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू हो चुकी है फिर भी एनपीएस में काटे गए कर्मचारियों के 53 हज़ार करोड रुपए जीपीएफ खातों में जमा करवाये जा रहे। वेतन विसंगति दूर करते हुए कार्मिकों का न्यूनतम वेतनमान 26 हजार निर्धारित करवाना एवं ग्रामीण क्षेत्र के कार्मिकों को मूल वेतन का 10 प्रतिशत ग्रामीण भत्ता स्वीकृत करवाना महासंघ कि मुख्य मांग है। संविदा एवं आउटसोर्स पर नियुक्तियां बंद की जावे तथा सभी संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जावे, समस्त विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रिक्त पदों को नियमित नियुक्तियों से भरा जाये ।
समस्त विभागों के लिए पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू करते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों के वर्षों से लंचित स्थानांतरण किये जावे। आरजीएचएस योजना में की जा रही कटौतियों को बंद किया जावे एवं योजना को मूल स्वरूप में पुनः लागू किया जावे।
महासंघ के जिला अध्यक्ष सत्यवान शर्मा ने बताया कि इन मांगों को लेकर महासंघ पूरे प्रदेश व्यापी आवाहन के तहत चरण बद्ध आंदोलन कर रहा है जिसका आज चौथा चरण था। पंचम चरण में 30 अक्टूबर 2025 से 20 नवंबर 2025 तक संपूर्ण प्रदेश में संघर्ष चेतना यात्रा निकाली जावेगी।आज के कार्यक्रम में विभिन्न सम्बद्ध संगठनों के अधिकारी एवं कर्मचारी आज के प्रदर्शन में पुरुषोत्तम पारीक मुख्य सलाहकार अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ,गोपाल लाल वर्मा जिला मंत्री, छोटू लाल लोधा ब्लॉक अध्यक्ष VDO संघ,हिंडोली, धर्मेंद्र कुमार जिला अध्यक्ष IT यूनियन बूंदी ,लादूराम मेघवाल जिला अध्यक्ष कृषि पर्यवेक्षक संघ बूंदी ,राधेश्याम मीणा राधेश्याम लोहार ,मुकेश प्रजापत नंदकिशोर बैरागी जिला अध्यक्ष राजस्थान पंचायती राज माध्यमिक शिक्षा संघ ,नीरज कुमार जैन ग्राम विकास अधिकारी संघ ,नफीस बानो चिकित्सा विभाग प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ए एन एम LHV संघ, राम प्रसाद गोचर जिला अध्यक्ष ग्राम विकास अधिकारी संघ, रामदयाल मीणा अध्यापक राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षा संघ बूंदी, महेश वर्मा ,जिला कोषाध्यक्ष, विकास सिंह हाडा, सुरेंद्र कुमार मीणा सुनील कुमार जिला अध्यक्ष राजस्थान अधीनस्थ सांख्यिकी संघ, राजेंद्र कुमार मीणा ,विष्णु प्रकाश श्रृंगी उपाध्यक्ष महासंघ,सोनाली गुप्ता जिला अध्यक्ष एएनएम LHV संघ,राम कैलाश मीणा VDO संघ,केवल कुमार सैनी पशुपालन विभाग, तुलसीराम मीना पंचायती राज विभाग, प्रमोद कुमार मीणा सुरेंद्र कुमार, कमलेश कुमार, ओम प्रकाश नामा ग्राम विकास अधिकारी संघ बूंदी ,नरेंद्र सिंह सोलंकी अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ बूंदी, शबनम आरा एएनएम LHV संघ बूंदी ,शंकर लाल अग्रवाल , केवल कुमार सैनी पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ ,वीरेंद्र कुमार मीणा, रमेश कुमार शर्मा, संतोष राठौर, महिपाल सिंह हाडा ,संतोष गोपाल सिंह राजस्थान अतिरिक्त विकास अधिकारी संघ सियाराम मेहर,बलवीर सिंह पशुपालन कर्मचारी संघ , किशोर राठौड़ पंचायती राज शिक्षक संघ सौभाग्य मल, रामलाल मेहरा, ओम प्रकाश शर्मा, छोटू लाल मीणा, लोकेश कुमार वैष्णव, गिरिराज मेघवाल आदि कर्मचारी अधिकारी उक्त धरना प्रदर्शन में उपस्थित रहे मुख्य रूप से निम्न कर्मचारी संघ ने आज के धरना प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दी।राजस्थान काननूगो संघ, राजस्थान पंचा. राज अति. एवं सहा. विकास, अधि. संघ, राजस्थान पटवार संघ, राजस्थान नर्सेज एसोसिएसन, राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षा संघ, राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ (आर्थिक एवं सांख्यिकी), राजस्थान राज्य अधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ, अखिल राज. राज्य कृषि पर्यवेक्षक संघ, राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ, पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ, राजस्थान आयुर्वेद परिचारक संघ, राजस्थान एलएचवी / एएनएम संघ ऑफ राजस्थान, राजस्थान वन अधीनस्थ कर्मचारी संघ, राजस्थान वन विभाग श्रमिक संघ, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत), राजस्थान पंचायतीराज मंत्रालयिक संघ, आदि शामिल रहे।