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अनदेखी, ठेकेदार की या चिकित्सा प्रबंधन की, राह में रोड़ा साबित हो रहा “हेडपंप”

(राजेश जीनगर, भीलवाड़ा)
जिले के सबसे बड़े ‘अ’ श्रेणी चिकित्सालय महात्मा गांधी हॉस्पिटल परिसर में ही स्थित टी.बी. हॉस्पिटल में जाने के लिए जनाना अस्पताल के पास से खोले गए रास्ते में कलरफुल इंटरलोकिंग टाईल्स के बीच हेडपंप को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया। जो की यहां से आने जाने वालों के बीच “राह में रोड़ा” साबित हो रहा है, कलरफुल इंटरलोकिंग टाईल्स सोन्दर्यकरण के बीच “मखमल में टाट का पेबंद” लग रहा है। इसमें अनदेखी ठेकेदार की है या चिकित्सा प्रबंधन के जिम्मेदारों की ये बड़ा सवाल है ? इसे क्यों नहीं हटाया गया, इतना खर्च होने के बावजूद इस हेडपंप को हटाने में आखिर कितना खर्च आ रहा था। दिन के उजियारे में तो बचते बचाते जैसे तैसे निकल जाएंगे, लेकिन रात के अंधियारे में कोई चोटिल हो जाता है तो हॉस्पिटल में राहत पाने आया मरीज और ज्यादा आहत हो सकता है। वहीं “सेव वाटर सेव अर्थ” का नारा भी जैसे टाईल्स के बीच दबकर रह गया।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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