जिला कलेक्टर के निर्देश के बाद भी घायल गोवंशों को भर्ती नहीं कर पशु चिकित्सालय में हो रहा गोवंशों की जान से खिलवाड़।
बुंदी- गौपाल गौसेवा संस्थान बूंदी के सचिव
गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ रामलाल मीणा एवं उसके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा लगातार बूंदी जिला पशु चिकित्सालय में घायल एवं बीमार गोवंश पर अत्याचार किए जा रहे हैं। जानबूझकर घायल गौ माता को बारिश के मौसम में मौत के मुंह में धकेलने का काम जिला पशु चिकित्सालय के कार्मिक कर रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए गोपाल गौ सेवा संस्थान से जुड़े गो भक्तों ने बताया कि ट्रेन से टकरा कर गम्भीर घायल गौ माता को सेवा भावी गौसेवकों ने वाहन में लाकर राजकीय पशु चिकित्सालय बूंदी में ईलाज हेतु भर्ती कराया। जिसमें गंभीर घायल गौ माता के पेट पर लगभग 25-30 टांके लगाकर मात्र प्राथमिक उपचार कर गौ सेवकों के पशु चिकित्सालय से बाहर निकलते ही अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा डॉ रामलाल मीणा के निर्देश पर उक्त गम्भीर घायल गौ माता को पशु चिकित्सालय से बाहर निकाल दिया गया। जबकि जिला कलेक्टर महोदय 10 गौवंश के ईलाज हेतु भर्ती वार्ड बनाने के निर्देश दे चुके है।
गौपाल गौसेवा संस्थान बूंदी के सचिव गौपाल माहेश्वरी ने बताया कि जिला पशु क्रूरता निवारण समिति बूंदी और जिला गोपालन समिति बूंदी के पदाधिकारी समिति के उद्देश्यों के अनुसार कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इनकी बैठकें महज खानापूर्ति होती है। ऐसे में यह उद्देश्यहीन समितियां भंग की जानी चाहिए। माहेश्वरी ने कहा कि शहर के निराश्रित घायल बीमार गोवंशों व अन्य जीवों के संरक्षण का दायित्व जिला कलेक्टर व पशुपालन विभाग का है जिस पर यह खरे नहीं उतर कर आमजन की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे है। जिसकी वजह से निराश्रित गोवंशों को आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवानी पड़ रही है। माहेश्वरी ने कहा कि खुद जिला कलेक्टर द्वारा घायल गोवंशों के लिए आईसोलेशन वार्ड स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे। परंतु घायल गोवंशों को पशु चिकित्सालय लाये जाने पर डॉ रामलाल मीणा द्वारा उनके प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर घायल होने की स्थिति में भी गोवंशों को बाहर निकाल दिया जाता है जो शर्मनाक है।
गत दिनों भी पशु चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही की भेंट चढ़ा था एक नदी गोवंश
माहेश्वरी ने बताया कि गत दिनों भी एक नंदी गोवंश को मीरा गेट क्षेत्र से गौ सेवक पशु चिकित्सालय उपचार हेतु लाकर छोड़ गए थे। जिसे बिना पूर्ण उपचार के पशु चिकित्सा कर्मियों ने रात्रि में उक्त नंदी गोवंश को बाहर निकाल दिया। जो कमजोरी के कारण चिकित्सालय के बाहर नाले में गिरकर अकाल मौत का ग्रास बना। विरोध करने पर अस्पताल प्रशासन द्वारा भर्ती का प्रावधान नहीं होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेता है। गौभक्तों ने कहा कि अगर ऐसा कोई प्रावधान है तो उसको सार्वजनिक किया जाए। अन्यथा जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार भर्ती की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
डॉ रामलाल मीणा का कृत्य शर्मनाक –
माहेश्वरी ने बताया कि सयुंक्त निदेशक डॉ रामलाल मीणा के निर्देश पर गंभीर घायल गौमाता के 25-30 टांके पेट पर आने कि हालत में गौ माता को भारी बरसात में अस्पताल से बाहर निकाल कर शहर में भटकने व अकाल मोत के लिए छोड़ दिए जाने पर गौभक्तों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि रामलाल मीणा की शर्मनाक हरकत के चलते गौ माता के घाव पर पानी लगने से कुछ दिनों में गौमाता के टांके व घाव सड़ने की वजह से उनके टांके टूट सकते हैं और उसमें कीड़े पड़ने से गौमाता को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है।


