रितिक मेहता
डूंगरपुर, स्मार्ट हलचल। केन्द्र सरकार की योजना के अन्तर्गत पशुपालकों के द्वारा पर पशु चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से लगभग एक लाख पशुधन पर एक यूनिट के आधार पर जिले के लिए 15 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन उपलब्ध गई। पशुपालन विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ. दिनेशचन्द्र बामणिया ने बताया कि योजना की मार्गदर्शिकानुसार योजना का मूल उद्देश्य जिले में पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों के माध्यम से पशुपालक के द्वार पर पशु चिकित्सा, रोग निदान, प्रसाद आदि सेवाओं को पहुंचाना है। इन एमवीयूएस को जिले के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किया गया है, जिससे सम्पूर्ण क्षेत्र में सेवाएं पशु चिकित्सा प्रदान की जा सके। एमवीयूएस का संचालन प्रतिदिन (रविवार अवकाश) प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक है। कॉल सेन्टर की स्थापना प्रक्रियाधीन होने के कारण मोबाइल वेटेनरी यूनिट्स की सेवाएं पशुपालकों को यथाशीघ्र प्रदान किए जाने के उद्देश्य से एमवीयू की सेवाएं शिविरों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। शिविर कार्यों का सत्यापन मोबाइल वाहन के बेस लोकेशन से नजदीकी पशु चिकित्साधिकारी प्रभारी अधिकारी बीवीएचओ द्वारा किया जाता है एवं जिला संयुक्त निदेशक को सूचना प्रेषित की जाती है। जिले में संचालित 15 एमवीयूएस द्वारा फरवरी 2024 से अगस्त 2024 तक 4023 शिविरों का आयोजन कर 27079 पशुपालकों के 105696 पशुओं का उपचार किया गया। कॉल सेन्टर का संचालन 11 सितम्बर से आरम्भ कर दिया गया है तथा मोबाइल वेटरीनरी यूनिट्स से कॉल प्राप्त कर टिकट जनरेट एवं केस क्लोज करने का सफल परीक्षण करने के साथ एमवीयूएस की मॉनिटरिंग भी की जा रही है एवं योजना के विधिवत संचालन से पूर्व तकनीकी कमियों को दूर किया जा रहा है।
कॉल सेन्टर नंबर 1962
संयुक्त निदेशक डॉ. बामणिया ने बताया कि कॉल सेन्टर के लोकार्पण उपरान्त मोबाइल वेटनरी यूनिटस का संचालन शिविर आयोजन के स्थान पर 1962 पर प्राप्त कॉल्स के अनुसार तथा आरएफपी फॉर मेनेटमेन्ट्स ऑफ मोबाइल वेटेनरी सर्विस इन द स्टेट ऑफ राजस्थान अनुसार किया जाएगा। कॉल सेन्टर का संचालन (बिना किसी अवकाश के) प्रातः 8.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक तथा एमवीयूएस का संचालन प्रतिदिन (बिना किसी अवकाश के) प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक किया जाएगा। पशुपालक द्वारा अपने पशु के रोगी होने पर कॉल पर कॉल सेन्टर के हेल्पलाइन नंबर 1962 पर सूचना दर्ज कराई जाएगी। कॉल सेन्टर के सीएसओ द्वारा पशुपालक के नाम, ग्राम, पशु एवं रोग के लक्षण आदि की जानकारी प्राप्त कर दर्ज की जाएगी एवं लक्षणों के आधार पर सिस्टम में पूर्व संधारित डाटा अनुसार एवं अथवा कॉल सेन्टर पर उपस्थित पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार टिकट जनरेट किया जाएगा। सूचना का एक टेस्ट मैसेज पशुपालक के फोन पर तथा एक टेस्ट मैसेज संबंधित ग्राम से मेपेड एमवीयू के पशु चिकित्सक के फोन पर जाएगा। इसके साथ ही एमवीयू के पशु चिकित्सक के फोन पर उपलब्ध मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रदशित होगा। पशु चिकित्सक तत्काल एपोटमेन्ट बुक करते हुए रोगी पशु के स्थान के लिए प्रस्थान करेगा। एमवीयू पर उपलब्ध जीपीएस तथा मोबाइल डिवाईस पर उपलब्ध एपोटमेन्ट की टेªकिंग कॉल सेन्टर द्वारा की जाएगी। पशु चिकित्सक यथोचित उपचार कर एप्लीकेशन पर दर्ज करेगा तथा इसके उपरान्त दूसरे टिक अनुसार प्रस्थान करेगा।