शशिकांत शर्मा
स्मार्ट हलचल।भरतपुर, भरतपुर बिहारी जी के मंदिर के पास किले में जिला अभिलेखागार भरतपुर महल में पुराने जमाने से नकल प्राप्त होती है। लेकिन एक व्यक्ति बुथवार को किले में अभिलेखागार भरतपुर कर्मचारियों के पास नकल लेने पहुंचा तो सीधा जवाब मिला की डेढ़ महीने बाद नकल दी जाएगी । बार-बार हाथ जोड़कर विनती करने लगा फिर भी ,एक बात सिद्ध हो गई अब पछताए हो तो क्या जो चिड़िया चुग गई खेत, कर्मचारी अधिकारियों की मनमानी जवाब में बताया गया । यहां से गोदाम कलेक्टर वापस ले जाया जा रहा है। इसलिए डेढ़ महीने बाद नकल मिलेंगी वर्तमान में किसी को नकल नहीं दी जा रही है। अधिकारी सुबोध द्वारा बताया गया कि मेरा काम है की रिकॉर्ड को क्लेरिटी में शिफ्ट करना मेरा यह काम नहीं है अभिलेखागार बाबू कर्मचारी कह रहा है । तों वह ग़लत है। ऐसा नहीं है,ट्रांसफर तो की जा रही है लेकिन इतना समय नकल देने में नहीं लगता है। 3,5,10,दिन तो लग सकतें हैं।पूछकर तब मैं आपको जवाब देता हूं अधिकारी द्वारा कोई जवाब उत्तर रिप्लाई नहीं दिया गया। मीडिया के पहुंचने पर भी कर्मचारी से नाम पूछा तो अपना नाम बताने से इनकार कर दिया जानकारी में बताया गया उसका नाम मालूम नाम पर सैनी है। जिससे उत्तर में यही जवाब मिला कि डेढ़ महीने से पहले कोई नकल नहीं दी जा सकती है। जबकि व्यक्ति सन् , क्रमांक नंबर सब कुछ देने को तैयार था। लेकिन भरतपुर जिले के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के होते हुए कर्मचारियों की तानाशाही मनमानी जो कि नकल देने के लिए ऐसा कहा गया अगर कोई हिम्मतवाला पैसे वाला हो तो उसे तुरंत इस में नक़ल दी जा रही है। एक गरीब व्यक्ति की अधिकारी भी नहीं सुन रहा है। जानकारी में पाया गया नकल भी दलालों के जारी मिल रही है।