पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । 11 लाख रुपए की रिश्वत के आरोपी डॉ पंकज छिपा ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए है। आरोपी ने बताया कि साथी आयुष्मान भारत जांचकर्ता डॉ. कुलदीप के कहने पर सिद्धिविनायक अस्पताल को आयुष्मान आरोग्य योजना के बिलों में भारी अनियमितता बताते हुए बिल पास नहीं करने और अस्पताल को योजना से डी पैनल करने की धमकी दी थी।
आरोपी डॉक्टर ने 75 लाख रुपए की रिकवरी का डर दिखाकर 14 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। बाद में सौदा 11 लाख रुपए में तय किया था। सिद्धिविनायक अस्पताल के मैनेजर राकेश ने अजमेर एसीबी में इसकी शिकायत की।
इसके बाद एसीबी की टीम ने सोमवार की शाम ट्रेप की कार्रवाई करते हुए डॉ. पंकज को गिरफ्तार कर लिया। आज मंगलवार को आरोपी को भीलवाड़ा कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
भीलवाड़ा के कई प्राईवेट अस्पतालों से की गई वसूली
जांच में सामने आया कि डॉ किशोर, डॉ पंकज और भीलवाड़ा में इस परियोजना के पूर्व समन्वयक तुषार भटनागर द्वारा भीलवाड़ा के कई प्राइवेट अस्पतालों से लाखों रुपए की वसूली कर रहे थे। भीलवाड़ा के करीब आधा दर्जन से ज्यादा अस्पताल इन्हें करोड़ों रुपए दे चुके हैं, लेकिन योजना के बंद होने और अस्पताल की बदनामी के डर के चलते किसी ने शिकायत नहीं की।
वसूली के मामले में भटनागर को किया जा चुका सस्पेंड
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में अस्पतालों को डराने और बिल हटाने के मामले में तुषार भटनागर को सस्पेंड किया जा चुका है। शहर के सोनी हॉस्पिटल पर शर्तें नहीं मानने पर 30 लाख रुपए की पेनल्टी के मामले में शिकायत के बाद भटनागर को सस्पेंड किया गया था। शहर के करीब आधा दर्जन से अधिक हॉस्पिटल को उनके द्वारा पिछले लंबे समय से ब्लैकमेल किया जा रहा था।
अस्पताल का भुगतान रुकवाने की देते थे धमकी जांच में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर कई मरीजों के गलत बयान के वीडियो भेज कर अस्पताल का भुगतान रुकवाने, कई बार अस्पताल की योजना आईडी बंद करने करने और डी पैनल करने की धमकी देकर लगातार वसूली कर रहे थे। हालांकि भीलवाड़ा शहर के कितने अस्पतालों से इन्होंने कितनी रकम वसूली, साथ ही और कितने अस्पताल इनके टारगेट पर थे, फिलहाल इन मामलों को लेकर पूछताछ जारी है।


