artificial intelligence technology
स्मार्ट हलचल/कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक अत्याधुनिक और अति विकसित तकनीक के रूप में हर क्षेत्र में, हर स्तर पर रोजगार की संभावनाओं को जन्म दे रही है। यह तकनीक रोजगार के क्षेत्र में अब तक अनजाने और अबूझ रहे द्वारों को भी खोलेगी। दुनिया भर में एआई को लेकर जो कवायद चल रही है, उससे साफ जाहिर है कि एआई किसी भी देश की उत्पादकता को बढ़ाने से लेकर नई नौकरियों के सृजन में व्यपक भूमिका अदा करेगा। इंटरनेट पर की गई रिसर्च बताती है कि एक तरफ वर्ष 2025 तक एआई के इस्तेमाल से दुनिया भर में 8.5 करोड़ लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती है तो दूसरी तरफ 9.7 करोड़ लोगों के लिए नई नौकरियों का सृजन भी होगा। यानी कि 1.2 करोड़ अधिक नौकरियों के अवसर निकलेंगे।
दुनिया भर में 35 प्रतिशत कारोबार में एआई का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन 84 प्रतिशत लोगों को यह पता तक नहीं है कि उनके जीवन व रोजमर्रा की जिंदगी में एआई का प्रवेश हो चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भी एआई का बाजार सालाना 20.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वर्ष 2025 तक यह बाजार 7.8 अरब डॉलर का हो जाएगा। एआई का बाजार हार्डवेयर, साफ्टवेयर व सर्विस सभी सेक्टर में बढ़ेगा।
दुनिया की बड़ी कामकाजी जनसंख्या इस नवाचार का फायदा उठा कर मनमाफिक रोजगार के नए विकल्प चुन सके यह सुनिश्चित करने के लिए एआई आधारित एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है, जो नए अवसर ढूँढने में मदद कर सकता है। यह सिस्टम ऐसा रोजगार चुनने का सुझाव देता है, जिसके सफल होने की ज्यादा संभावना है। कौशलों में समानता पता लगने के बाद नए कौशल के आधार पर कर्मचारी के लिए पेशे का अनुमान लगाया जा सकता है। मसलन, एक अकाउंटेंट वित्तीय विश्लेषक की राह पकड़ सकता है, क्योंकि इन दोनों नौकरियों में जरूरी कौशल समान हैं। लेकिन स्पीच थैरेपिस्ट को फाइनेंशियल एनालिस्ट का कौशल सीखना मुश्किल होगा।
अब बात करें इस क्षेत्र में नव शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसर की तो विभिन्न शिक्षण संस्थान एआई संबंधित कई किस्म के पाठ्यक्रम (कोर्स) उपलब्ध कराते है जिनको पूर्ण करने पश्चात नौकरी और व्यवसाय दोनों क्षेत्रों में बहुत सारे अच्छे विकल्प उपलब्ध है, जिनके लिए आप योजना बनाकर आवेदन कर सकते हैं। जैसे रिसर्च असिस्टेंट, मशीन लर्निंग इंजीनियर, बिग डेटा एनालिस्ट, सलाहकार, सॉफ्टवेयर एनालिस्ट, एल्गोरिथम एनालिस्ट, एआई एनालिस्ट, स्टैटिस्टिकल साइंटिस्ट, प्रोग्रामर, बिजनेस इंटेलिजेंस डेवलपर आदि।
पहले से ही नौकरी कर रहे लोग विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर रोजगार पाने के लिए अपने मौजूदा कौशल के साथ उसी क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग का कौशल सिखाने वाला कोई शॉर्ट टर्म और कम खर्चीला सर्टिफिकेट कोर्स या डिप्लोमा कर सकते हैं जो रोजगार परिवर्तन के दौर में आपकी नौकरी बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा। इसके लिए विभिन्न शिक्षण/ प्रशिक्षण संस्थानों के अलावा ऑन लाईन पढ़ाई भी की जा सकती है।
गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम जैसी एआई क्षेत्र की दिग्गज कम्पनीयों को मालूम है कि तकनीक तो वो बना लेंगे लेकिन भविष्य में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में इस तकनीक के उपयोगकर्ताओं की मांग तेजी से बढ़ेगी और उसके साथ ही कार्य कुशल मानव संसाधनों की मांग भी बढ़ेगी। जैसे बहु चर्चित चैट जीपीटी जैसे जनरेटिव सिस्टम जिनके नाना प्रकार के असीमीत उपयोग हो सकते हैं लेकिन इस सिस्टम का कुशलता से परिचालन कर अपेक्षित परिणाम देने के लिए या जीपीटी द्वारा दिए गए परिणाम की उपयोगिता को परखने के लिए और उन परिणामों को वास्तविक उपयोग में लाने के लिए मानव श्रमिकों की आवश्यकता सदैव बनी रहेगी क्योंकि मानव मस्तिष्क की सीमाये अनंत हैं।
ए.आई. का उपयोग करना सीखना, एक बटन दबाने और जानकारी प्राप्त करने भर का मामला नहीं है। यह तो हम रोज़ाना अपने मोबाईल के साथ करते ही हैं। वस्तुत: महत्वपूर्ण यह जानना नहीं है कि आज बारिश होगी या नहीं, बल्कि इस जानकारी के आधार पर अपनी कार्य योजना बनाकर उस जानकारी का अधिकतम लाभ उठाना ही असली जादू है जो असीमीतता की हद तक सीमीत कौशल वाली एक मशीन नहीं कर सकती।
यदि आप नई तकनीक सीखने में सहज महसूस नहीं करते हैं तो रोजगार के इस प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी उपयोगिता बनाए रखने के लिए आप अपनी विशेषज्ञता वाले क्षेत्र में उपयोग में आने वाले एआई टूल्स को सीखना शुरू कर सकते हैं जैसे यदि आप एक प्रतिभाशाली पत्रकार या लेखक हैं तो चैट जीपीटी जैसे जनरेटिव एआई टूल्स के साथ काम कर के आप अपने नैसर्गिक लेखन को कैसे और बेहतर बना सकते हैं यह सीख लेना आपको अपने ही क्षेत्र में अप्रांसगिक होने से बचाएगा। एआई का बढ़ता दखल कई क्षेत्रों में नए रोजगारों का सृजन करेगा, विशेष रूप से ऐसे काम जिनमें उच्च भावनात्मक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है।
कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की उत्पादकता में सुधार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जा रहा है जिसका एक लाभ यह है कि दोहराए जाने वाले कार्यों को सम्हाल कर एआई कर्मचारी को रचनात्मक समाधान, जटिल समस्या-समाधान और प्रभावशाली कार्य पर ध्यान केंद्रित करने की स्वतंत्रता प्रदान करेगा। इस तरह यह स्पष्ट है कि समय रहते एआई कौशल को अपना लेने से न केवल प्रति व्यक्ति उत्पादकता बढ़ जाती है, बल्कि किसी संस्थान के कर्मचारी अपने मौजूदा काम को कम समय में बेहतर तरीके से अंजाम दे सकते हैं। यह बढ़ी हुई उत्पादकता कर्मचारियों के वेतन वृद्धि की राह प्रशस्त करती है जिनसे उनके पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है। कौशल विकास के फलस्वरूप वर्तमान कार्यस्थल के अलावा नए अवसर भी पैदा होंगे जिससे देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों का जीवन स्तर सुधरेगा।