आषाढ़ गुप्त नवरात्रा व्रत 6 जुलाई से होगें शुरू
इन दिनों कुल देवियों की गुप्त रूप से करते है पूजा अर्चना
दिनेश लेखी
कठूमर/स्मार्ट हलचल/आषाढ़ गुप्त नवरात्रा का व्रत इस बार शनिवार 6 जुलाई से शुरू होगा। और 15 जुलाई को समाप्त होंगे। इस गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा, अपनी कुलदेवी सहित अन्य देवियों की गुप्त रूप से पूजा अर्चना की जाती है।सनातन संस्कृति में नवरात्रि का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल में कुल 4 नवरात्रि पड़ती है। जिसमें से दो- चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती है। इसके साथ ही 2 गुप्त नवरात्रि होती है पौष व आषाढ़ माह में। इन नौ दिनों के दौरान विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए माता रानी की पूजा उपासना व्रत इत्यादि किए जाते हैं। इन गुप्त नवरात्रों में तांत्रिक सिद्धियां भी की जाती है। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि आरंभ होते है। पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्र 6 जुलाई, 2024, शनिवार से शुरू हो रही है, 15 जुलाई, 2024, सोमवार को समाप्त होगी। इस साल तृतीया तिथि दो दिन पड़ रही है। इसलिए आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि पूरे 10 दिन पड़ेगी।
गुप्त नवरात्र मुहूर्त समय पंचांग के अनुसार, आषाढ़ गुप्त नवरात्र शुभ मुहूर्त 06 जुलाई को सुबह 07:15 से लेकर सुबह 08:55 के बीच के शुभ का चौघड़िया रहेगा है। उसके उपरांत सुबह 12:00 से दोपहर 12:40 बजे तक श्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त रहेगा। अतः इस समय के दौरान कलश स्थापना व पूजा आरंभ की जा सकती है।
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इनका क्या कहना
आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा व अपनी कुलदेवी के अलावा मां काली और अन्य महाविद्याओं की पूजा करने का भी विधान है। इस दौरान साधक किसी विशेष मनोकामना के लिए माता रानी की पूजा उपासना करते हैं।
पं मनोज भारद्वाज ज्योतिषाचार्य
ज्योतिष के अनुसार कुछ राशि व लग्न इस तरह के होते हैं जिसमें माता की पूजा उपासना करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है अतः वे लोग भी इस समय माता की पूजा उपासना कर सकते हैं।
पं भारत-भूषण शर्मा
यदि आप किसी ग्रह- नक्षत्र जैसे कि शुक्र, राहु, केतु की दशा महादशा से पीड़ित है तो भी आप माता की पूजा उपासना करके ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं।
रजनी साहू श्रद्धालु
जिन लोगों के जीवन में रोजगार, व्यापार , पारिवारिक सुख शांति या दांपत्य व संतान सुख में बाधा उत्पन्न हो रही है वे लोग भी इन नवरात्रों में पूजा- व्रत- उपवास रखकर माता से मनोरथ पूर्ण करने की प्रार्थना कर सकते हैं।
शकुंतला देवी श्रद्धालु
विशेष सिद्धियों के लिए या फिर मंत्र व तंत्र इत्यादि सिद्ध करने के लिए भी इन गुप्त नवरात्रों का अनुष्ठान किया जा सकता है।
भारती खंडेलवाल श्रद्धालु