आर्यिका विभाश्री माताजी ससंघ के सान्निध्य में भव्य आयोजन की तैयारियां जोरो पर
कोटा। स्मार्ट हलचल|धार्मिक एवं शिक्षा नगरी कोटा में इस वर्ष इतिहास रचने जा रहा है। परम पूज्य आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज एवं 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक आशीर्वाद से उनकी सुशिष्या गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री 105 विभाश्री माताजी एवं आर्यिका श्री 105 विनयश्री माताजी (संघ सहित) के पावन सान्निध्य में 13 पिच्छी ससंघ द्वारा अष्टाह्निका महापर्व के अवसर पर पहली बार 151 मंडलीय सिद्धचक्र महामंडल विधान का भव्य आयोजन कुन्हाडी में किया जा रहा है।
इस अवसर पर कमेटी ने निरिक्षण किया और जायजा लिया । निरिक्षण में सकल समाज के महामंत्री पदम बडला,मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा,मंत्री पंकज खटोड़,कोषाध्यक्ष ताराचंद बडला,अशोक सांवला,पारस कासलीवाल, निर्मल अजमेरा,संजय लुहाडिया आदि लोग उपस्थित रहे।
यह ऐतिहासिक आयोजन 28 अक्टूबर से 5 नवम्बर 2025 तक रिद्धि सिद्धि नगर, कुन्हाड़ी, कोटा में सम्पन्न होगा। कार्यक्रम के आयोजक विराग विभाश्री छात्रावास एवं श्री चंद्रप्रभु पारमार्थिक ट्रस्ट हैं, जबकि सकल दिगंबर जैन समाज समिति और श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर समिति के तत्वावधान में यह महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। गुरुसेवा संघ परिवार मुख्य सहयोगी संस्था के रूप में सम्पूर्ण कार्यक्रम की व्यवस्था का दायित्व संभालेगा।
मंदिर अध्यक्ष राजेंद्र गोधा ने बताया कि यह आयोजन “न भूतो न भविष्यति” होगा। सिद्धचक्र महामंडल विधान धर्म, परिवार, व्यापार और स्वास्थ्य के सभी विघ्नों को दूर कर सर्वसिद्धि प्रदान करने वाला महामंत्र है। मंत्री पंकज खटोड ने बताया कि
इस महापर्व का भव्य मंगल प्रवेश 27 अक्टूबर की प्रातः होगा, जब पूज्य माताजी ससंघ का स्वागत रिद्धि सिद्धि नगर में किया जाएगा। प्रवचन एवं आहारचर्या के पश्चात मुख्य इन्द्रों की हल्दी एवं मेहंदी की मंगलाचरण क्रियाएं सम्पन्न होंगी। सायंकालीन आरती के पश्चात संगीतकार हरीश जी (पिड़ावा वाले) अपनी मधुर वाणी से श्रद्धालुओं को भावविभोर करेंगे।
धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन विधानाचार्य प्रदीप जी शास्त्री (ललितपुर) एवं स्वतंत्र (टीकमगढ़) के निर्देशन में किया जाएगा।
इस भव्य आयोजन में संपूर्ण जैन समाज कोटा इतिहास के एक अद्वितीय धार्मिक पर्व का साक्षी बनने जा रहा है, जिसमें श्रद्धा, साधना और सिद्धि की त्रिवेणी प्रवाहित होगी।


