Homeभीलवाड़ा27 वर्षों से मंत्री पद की बाट जोहती आसींद विधानसभा की जनता

27 वर्षों से मंत्री पद की बाट जोहती आसींद विधानसभा की जनता

1993 में जीते विधायक वी.पी. सिंह बने थे आसींद विधानसभा से अंतिम मंत्री
रोहित सोनी
आसींद । आसींद विधानसभा क्षेत्र में 1993 के बाद से लगातार भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है। एक निर्दलीय कार्यकाल को छोड़ दें तो पिछले तीन दशकों से यह सीट लगभग बीजेपी के कब्जे में रही है। लेकिन, इस लंबे राजनीतिक सफर में विधानसभा क्षेत्र की जनता को अब तक मंत्री पद का प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है।

1993 से अब तक आसींद से पांच विधायक चुने जा चुके हैं, जिनमें से अधिकतर भाजपा से रहे हैं। विजेंद्र पाल सिंह बदनोर दो बार, रामलाल गुर्जर तीन बार और वर्तमान में जबर सिंह सांखला लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं।
इतिहास पर नजर डालें तो 1993 में विजेंद्र पाल सिंह बदनोर को कुछ माह के लिए सिंचाई मंत्री का पद मिला था, लेकिन उसके बाद से अब तक इस क्षेत्र से किसी भी विधायक को मंत्री पद का अवसर नहीं मिला।

स्थानीय कार्यकर्ता और जनता बार-बार यह उम्मीद जताते आए हैं कि भाजपा नेतृत्व इस क्षेत्र को राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मान दे, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी।

बीते दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा प्रधानमंत्री से की गई मुलाकात के बाद राजस्थान में नए मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस बार आसींद विधानसभा की 27 वर्षों से जारी अनदेखी समाप्त होगी?
क्या भाजपा इस बार अपने ही गढ़ माने जाने वाले आसींद को मंत्री पद देकर नई राजनीतिक दिशा देगी — यही सवाल अब जनता की जुबां पर है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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