भीलवाड़ा- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा संचालित गिव अप अभियान प्रदेश में सामाजिक न्याय, स्वैच्छिक त्याग की भावना व गरीबों की सेवा की आदर्श मिसाल बनकर उभरा है। यह अभियान न केवल आमजन की नैतिकता, सहानुभूति और संवेदना आधारित सोच को उजागर कर रहा है, बल्कि सहभागिता का मार्ग भी दिखा रहा है। गिव अप अभियान निर्धन के हक में कोई सेंधमारी न हो, इस भावना को सामाजिक कर्त्तव्य में बदल रहा है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मुख्य उद्देश्य सेवा और संवेदनशीलता के साथ निर्धन के हक को उस तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में वास्तविक हकदारों तक लाभ पहुंचाने के लिये खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इसी क्रम में असल हकदारों तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किये गये गिव अप अभियान में लगभग 37.60 लाख अपात्र लोगों द्वारा स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा छोड़ी गई है। गिव अप अभियान के द्वारा अपात्रों द्वारा खाद्य सुरक्षा छोड़ने के साथ साथ प्रदेश में 27 लाख से अधिक लोगों द्वारा ई केवाईसी सम्पन्न नहीं करवाई गई, इससे स्वतः उनका नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हट गया। इस प्रकार खाद्य सुरक्षा में नए पात्र व्यक्तियों के लिए जगह बनी। 26 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कर कमलों से खाद्य सुरक्षा पोर्टल के पुनः प्रारंभ होने के बाद अब तक 65.25 लाख नए पात्र लाभार्थी खाद्य सुरक्षा से जोड़े जा चुके हैं। राज्य सरकार के इस कद से खाद्य सुरक्षा का लाभ वास्तविक वंचितों को मिल रहा है। इसके साथ ही उन्हें मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना के तहत प्रति वर्ष 450 रूपये में 12 गैस सिलेण्डर, मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के तहत 10 लाख रूपये का सुरक्षा बीमा एवं मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निःशुल्क चिकित्सा भी मिल रही है। श्री गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार के इस जनकल्याणकारी कदम से वंचित लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ रहा है एवं वे मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 10 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ने की ऐतिहासिक सफलता को देखते हुए इसकी अवधि 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है।
भीलवाड़ा जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरेंद्र मिश्रा ने बताया कि जिले में 1,76,411 सम्पन्न लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का त्याग किया है। वहीं इससे बनी रिक्तियों से भीलवाड़ा जिले में 2,26,250 पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है।
नाम जोडने-हटाने की प्रक्रिया हुई आसान-
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा पहली बार जिस तरह से नाम हटाने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया, उसी प्रकार नाम जोड़ने की प्रक्रिया को भी अत्यधिक सरल और लाभार्थी फ्रेंडली बनाया गया है। पात्र व्यक्ति अब ई-मित्र के साथ घर बैठे विभाग के पोर्टल https://food.rajasthan.gov.in/ पर भी अपना नाम जुड़वाने हेतु आवेदन कर सकता है। आवेदन जांच की प्रक्रिया तय करते हुए शहरी और ग्रामीण स्तर पर जांच दलों का गठन किया गया है। एनएफएसए में पात्र वंचितों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया को ओर अधिक सुकम बनाने हेतु जिला कलक्टर को भी खाद्य सुरक्षा सूची में लाभार्थी को शामिल करने के लिए अधिकृत किया गया है।
निम्न श्रेणियों के अन्तर्गत आने वाले परिवार खाद्य सुरक्षा हेतु अपात्र-
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ऐसे परिवार, जिनका कोई भी एक सदस्य सरकारी, अर्द्ध सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी अधिकारी हो अथवा एक लाख रूपये वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करता है, जिस परिवार का कोई भी एक सदस्य आयकरदाता हो तथा ऐसे परिवार जिनके किसी भी एक सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रेक्टर एवं एक वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर) खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत अपात्र होंगे। साथ ही ऐसे परिवार, जिनके सभी सदस्यों की कुल आय एक लाख रूपये वार्षिक से अधिक हो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत अपात्र होंगे।
विभागीय पर्यवेक्षण होगा और सघन-
गिव अप अभियान के पर्यवेक्षण के लिए उपायुक्त और संभागीय स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा द्वारा अब तक प्रदेश के 32 जिलों का दौरान करने के साथ ही प्रत्येक जिले में अभियान की प्रारंभ से अब तक प्रगति की समीक्षा की जा रही है। हर स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन और वस्तु स्थिति का फीडबैक लिया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा साप्ताहिक और पाक्षिक प्रवास सुनिश्चित किया जाकर प्रतिदिन मुख्यालय को रिपोर्ट किया जाना सुनिश्चित किया गया है।
जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार एवं जागृति अभियान-
जिला स्तर पर अभियान की सार्थक क्रियान्विति के लिए विभिन्न स्तरों पर बैठकें, उचित मूल्य दुकानदारों, विभागीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के साथ सतत समन्वय किये जाने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से आम जन में अभियान के प्रति एक सकारात्मक चेतना बनाए रखने हेतु सांसद, विधायकगण, जिला प्रमुख, प्रधान पंचायत समिति, पालिका अध्यक्ष एवं पंचायत समिति जिला परिषद सदस्यों से भी आह्वान किया गया है। साथ ही क्षेत्रीय एवं लोक भाषाओं के माध्यम से खाद्य सुरक्षा से नाम हटाने एवं जोड़ने को लेकर विभागीय प्रक्रिया को प्रसारित करने का भी आह्वान किया गया है।


