गंदे पानी के बदले जनता को मोटे बिल क्यों ?
रणवीर सिंह चौहान
स्मार्ट हलचल / भवानी मंडी/भवानी मंडी में जलदाय विभाग की कार्यशैली को लेकर जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। हजारों रुपये के मनमाने पानी के बिलों को लेकर आमजन पहले ही परेशान थे, लेकिन जब जलदाय विभाग की लापरवाही सामने आई, तो कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। सोमवार को नगर कांग्रेस अध्यक्ष विनय ऑस्तोलिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिला और जनता के रोष से उन्हें अवगत कराया।
बैठक के दौरान नगर कांग्रेस अध्यक्ष विनय ऑस्तोलिया ने विभाग के अधिकारियों से सीधा सवाल दागा “जब जल बिल माफ करने की घोषणा हो चुकी थी, तो आखिर जनता के सिर पर हजारों रुपये का बोझ क्यों डाल दिया गया? क्या यह विभाग की नाकामी है या फिर जनता को जानबूझकर परेशान करने की साजिश?”
इस पर जलदाय विभाग के अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने सफाई दी कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में जल बिल माफी की घोषणा जरूर हुई थी, लेकिन इस संबंध में विभाग को कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला। इसी भ्रम में विभाग ने जल बिलों की वसूली पर ध्यान नहीं दिया, जिससे उपभोक्ताओं के बकाया बिल बढ़ते चले गए।
“विभाग की लापरवाही की सजा जनता क्यों भुगते?”
विभागीय अधिकारियों के इस गैर-जिम्मेदाराना जवाब पर पूर्व नगर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद जैन भड़क उठे। उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “अगर जल बिल माफ नहीं हुए थे, तो विभाग ने जनता को समय पर सूचना क्यों नहीं दी? उपभोक्ताओं को पहले ही जागरूक किया जाना चाहिए था! अब जब हजारों रुपये के बिल भेजे जा रहे हैं, तो इसका खामियाजा आम जनता क्यों भुगते?”
गंदे पानी की आपूर्ति पर भी उठे सवाल – फिर बिल क्यों?
बात सिर्फ जल बिलों तक ही सीमित नहीं रही। नगर कांग्रेस अध्यक्ष विनय ऑस्तोलिया ने विभाग पर एक और गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब खुद विभाग मान रहा है कि पीपलाद से आ रहा पानी अशुद्ध है, बीमारियों को जन्म दे रहा है और उसकी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है, तो फिर इस गंदे पानी का बिल जनता से वसूलने का क्या औचित्य है?
उन्होंने दो टूक कहा कि “जब पानी की गुणवत्ता खराब है, तो जनता से बिल वसूलना अन्यायपूर्ण है। जलदाय विभाग को इस पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए और शहरवासियों को राहत देनी चाहिए।”
कानूनी लड़ाई की तैयारी – जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी
इस मुद्दे पर विधायक प्रत्याशी चेतराज गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा कि यदि विभाग इस अन्यायपूर्ण वसूली को नहीं रोकता, तो वह न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे और जनता को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
बैठक के दौरान नगर कांग्रेस अध्यक्ष ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी – “यदि दो दिन के भीतर समाधान नहीं निकला और जबरन वसूली जारी रही, तो कांग्रेस जन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी।”
उन्होंने कहा कि यदि इस दौरान किसी उपभोक्ता का पानी का कनेक्शन काटा गया, तो जलदाय विभाग को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पूर्व विधायक स्नेहलता ने आरोप लगाया कि “जब तक कांग्रेस की सरकार थी, तब तक विभाग ने वसूली का कोई प्रयास नहीं किया। लेकिन जैसे ही भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई, जलदाय विभाग दादागिरी पर उतर आया।”
इस अहम मुद्दे पर जलदाय विभाग के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पूरी ताकत से खड़ा नजर आया। इस दौरान विधायक प्रत्याशी चेतराज गहलोत, ब्लॉक कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष आनंद काला, पार्षद हकीम खान, पार्षद हरीश राठौर, सचिव अंकित जैन, पूर्व पार्षद करुणा देवी, हसीब चौधरी, अजमल खान, अविनाश परमार, राकेश चांवला, प्रबल जैन, लखन बेरागी, मानसिंह जुझारू सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।