– मकान और जमीनों पर जबरन अवैध कब्जे और रंगदारी मामलों में पूर्व अध्यक्ष, महामंत्री समेत अब तक कई गिरफ्तार
– प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री ने होटल मालिक को धमका कर किया जमीन पर कब्जा और मांगी रंगदारी, एफ आई आर के बाद वकील की भी तलाश जारी
सुनील बाजपेई
कानपुर। स्मार्ट हलचल/इस महानगर में एक लंबे अरसे से पत्रकारों और वकीलों का चोला ओढ़ कर हर तरह का अपराध करने वाले शातिर दिमाग लोगों की शामत आई हुई है। उनके खिलाफ शुरू किया गया कमिश्नरेट पुलिस का अभियान भी यहां लगातार जारी है, जिसके तहत अब तक प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित और महामंत्री कुशाग्र पांडेय सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों को जेल की हवा खिलाई जा चुकी है। इसी के साथ रिपोर्ट दर्ज करके एक अन्य वकील की भी तलाश की जा रही है।
वहीं गिरफ्तार किए गए प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री कुशाग्र पांडेय पर चर्चित मेघदूत होटल के मालिक के मकान पर जालसाजी से बनाए गए कागजातों के बल पर कब्जा करने और उनसे रंगदारी मांगने का आरोप है।
वहीं दूसरी ओर इसके पहले पत्रकारिता की आड़ में जमीनों पर कब्जा करने और रंगदारी मांगने वाले जिन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। उनमें से कई आरोपी भी अभी तक फरार हैं ,जिस पर इन सभी फरार लोगों के खिलाफ इनाम घोषित करने समेत अन्य कार्रवाई की भी तैयारी कर ली गई है, जिसकी वजह से इनके साथ ही अन्य सफेद पोस माफिया अपराधी भी बहुत दहशत में हैं। शायद यही वजह है कि वह यहां के पुलिस कमिश्नर आखिल कुमार को हटवाने की हर संभव कोशिश में लगातार जुटे हुए बताए जाते हैं , लेकिन कानपुर के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार जैसे कर्मयोगियों की कर्तव्य निष्ठा ईमानदारी और लोकहित में नेतृत्व कुशलता की पहचान रखने वाले योगी परंपरा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रहते किसी का भी उद्देश्य कदापि सफल नहीं हो सकता। वह चाहे पत्रकार और अधिवक्ता रूपी माफिया हों या फिर कोई और। जहां तक भू माफिया पत्रकारों और वकीलों के खिलाफ इस सराहनीय कार्रवाई के सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व का सवाल है। यह भारत ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भी अभूतपूर्व इसलिए है, क्योंकि इसके पहले किसी भी देश में पत्रकारिता और वकालत की आड़ वाले ऐसे सफेद पोस माफिया अपराधियों इतने बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कभी नहीं किया गया। इसमें पत्रकारिता की आढ़ में भू माफिया गिरी यानी जमीनों पर कब्जे और धन उगाई का मामला सर्वाधिक गंभीर भी इसलिए है, क्योंकि पत्रकारिता जैसा शब्द पूरे विश्व की हर तरह की व्यवस्थाओं को प्रभावित करता है। केवल यही नहीं हमारे जन्म और मृत्यु के साथ ही उसके बीच वाले कालखंड यानी जीवन को भी सूचित आदि करने के रूप में भी जो हर तरह से प्रभावित करती है। उसे भौतिक संसार में पत्रकारिता के नाम से ही जाना जाता है। जो कि नि:संदेह ईश्वर इसलिए भी है, क्योंकि अगर ‘ईश्वर’ शब्द का संधि विच्छेद ‘ई’ + श्वर के हिसाब से किया जाये तो ‘ई’ मतलब ‘यह’ और “श्वर” यानी वह स्वांस जो संसार में हमारे जीवित रहने का कारण है। मतलब इस ईश्वर, अल्लाह या गॉड का निराकार रुप स्वांस ही संसार में हर किसी के होने ,करने और बनने का आधार है। लिखने के रूप में ईश्वर साकार भी है और नहीं लिखने जाने के रूप में निराकार भी। ईश्वर साकार इसलिए क्योंकि अपनी ही तरह अजर, अमर, अविनाशी अक्षर से निर्मित शब्द और शब्दों से बने वाक्य लिखने के रूप में वह (ईश्वर) दिखाई भी पड़ता है। – और निराकार भी इसलिए क्योंकि पढ़ने और बोलने के रुप में वह (ईश्वर) सुनाई तो पडता है लेकिन दिखाई नहीं पड़ता। मतलब केवल पत्रकारिता ही नहीं किसी के द्वारा भी लिखने के रूप में दिखाई पड़ने वाला शब्द ही ईश्वर का साकार रूप। और बोलने तथा पढ़ने के रूप में नहीं दिखाई पड़ने वाला शब्द ही ईश्वर का निराकार रूप। और जब यही ईश्वर फांसी या सजा ,दोषी या निर्दोष जैसे शब्दों के रूप में साकार होता है तो संसार में किए जाने वाले अच्छे और बुरे कर्मों के अनुरूप सुख दुख ही नहीं जीवन और मौत का भी कारण बन जाया करता है , जिसमें संसार में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ईश्वर का पत्रकारिता वाला रूप। वह चाहे प्रिंट मीडिया हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया। और जब कोई ईश्वर, अल्लाह और गॉड के इसी पत्रकारीय रूप को अपने स्वार्थ पूर्ति का माध्यम बनाता है तो फिर उसी ईश्वर अल्लाह और गॉड का साकार रुप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही नहीं बल्कि देश, काल और परिस्थितियों के अनुरूप कानपुर के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार जैसों के रूप में भी आ जाता है, जिनकी लोकहित में कर्तव्य के प्रति प्रगाढ़ निष्ठा और ईमानदारी से जनित साहस समय आने पर समाज और देश विरोधी कृत्य करने वालों को उनके कर्मों का फल भी दिलाता है।
याद रहे कि भारत ही नहीं बल्कि विश्व पत्रकारिता के इतिहास में यह पहला मामला है ,जब यहां के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की बेहद ईमानदारी से पूर्ण कर्तव्य के प्रति प्रगाढ़ निष्ठा द्वारा पत्रकारिता, राजनीति और वकालत की आढ़ में हर तरह के अपराध करने वाले इस तरह के शातिरतम गिरोह का भंडाफोड़ करके पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे की छवि और ज्यादा धूमिल होने से बचाने जैसा सराहना की सीमा तोड़ने वाला सर्वोत्तम कार्य किया गया है ,जिसकी चर्चा सर्वत्र जारी है।