डरिए नहीं सुरक्षित मार्ग अपनाएं,बचाव ही उपचार हैं – डॉ. डी आर यादव
बानसूर।स्मार्ट हलचल/निकटवर्ती ग्राम पंचायत लोयती के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जन जागृति संस्थान बानसूर द्वारा रविवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व एड्स दिवस 2024 की घोषित थीम ” सही मार्ग अपनाएं : मेरा स्वास्थ्य – मेरा अधिकार ” विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें चिकित्सकों ने विद्यार्थियों को एचआईवी व एड्स के बारे में जागरूक किया। इस दौरान आयोजकों द्वारा अतिथियों का माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. दयाराम यादव ने बताया कि ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस आपके प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाओं को संक्रमित और नष्ट कर देता है जिससे अन्य बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। जब एचआईवी आपके प्रतिरक्षा तंत्र को गंभीर रूप से कमजोर कर देता है, तों यह अधिग्रहित इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम ( एड्स ) का कारण बन सकता है। एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर चरण है। एड्स से पीड़ित लोगों में कुछ श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या बहुत कम होती है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होती है। उन्हें अतिरिक्त बीमारियाँ हो सकती हैं। एड्स के कारण तेजी से वजन कम होना,अत्यधिक थकान,मुंह या जननांगों पर छाले, बुखार,रात में पसीना आना और त्वचा का रंग खराब होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध बनाने,संक्रमित सुई लगानें , संक्रमित रक्त चढ़ाने और एचआईवी संक्रमित मां से उत्पन्न संतान में एचआईवी एड्स होता है। इसलिए हमें सावधानी बरतनी है और सही मार्ग अपना कर हम इस रोग से लड़ सकते हैं। सभी को एचआईवी की जांच करवा लेनी चाहिए और अगर जांच पॉजिटिव हैं तों डरिए नहीं बल्कि सावधानी बरतें क्योंकि एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के साथ ही बचाव ही इसका उपचार हैं। सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन की भांति ही एड्स उन्मूलन के लिए भी राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं। तों वहीं वैध बृजमोहन शर्मा ने कहा कि एचआईवी एड्स एक गंभीर बिमारी है आज विश्व में करीब 90 लाख और भारत में करीब 24 लाख लोग एचआईवी एड्स के साथ जी रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन और हमारी सरकार ने एचआईवी एड्स से लड़ने के लिए काफी सराहनीय पहल की है हमें भय मुक्त होकर सावधानी के साथ इस रोग से लड़ना है और जागरुक होकर सावधानी बरतकर इस रोग से हम बच सकते हैं। हमारे आसपास जो लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। उनसे घृणा नहीं करें बल्कि उनका मनोबल बढ़ाकर इस बीमारी से लड़ने में उनकी मदद करें। प्रधानाचार्य शंकरलाल छिपी ने अतिथियों व जन जागृति संस्थान की टीम का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सरपंच प्रतिनिधि अमरसिंह चौधरी,सुबेसिंह यादव,केदारमल गुर्जर,कैलाश चंद यादव,रामनिवास सहित जन जागृति संस्थान की टीम व विद्यार्थी मौजूद रहे।