बिजौलियां। स्मार्ट हलचल/राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में आयुर्वेद के महाकुंभ संयोजनम 2024 का समापन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का आयोजन विश्व आयुर्वेद परिषद, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर एवं आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में 15 से 17 नवम्बर तक किया गया। कार्यक्रम में पूरे देश से आयुर्वेद में अध्ययन कर रहे 3000 से अधिक चिकित्सक, शिक्षक एवं विद्यार्थीयो ने भाग लिया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी रही ने आयुर्वेद के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले देश के
विभिन राज्यो के आयुर्वेद विद्वानों, चिकित्सकों का अवॉर्ड से सम्मानित किया । कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा आयुर्वेद के महत्व को जानते हुए मोदी सरकार ने आयुष मंत्रालय का गठन किया है। आयुर्वेद से जुड़ी कई ऐसी योजनाएं लाए, जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ी और लाभ भी मिला। कोरोना काल में भी आयुर्वेद उपचार लेने एवं आयुर्वेद काढ़ा पीने से लोगों की इम्युनिटी बढ़ी और आमजन को आयुर्वेद के महत्व की
जानकारी मिली। चित्तौड़ प्रान्त सहसंयोजक डॉ संजय नागर ने बताया तीन दिवासीय कार्यक्रम ‘संयोजनम’ में चिकित्सकों के ज्ञानवर्धन हेतु कर्माभ्यास,खेलो के प्रोत्साहन हेतु क्रीड़नम,खानपान में स्वास्थ्य वर्धन के लिए पोषणं,सांस्कृतिक प्रतिभाओं के लिए अभिमंचनम, नवीन इनोवेशन के लिए नूतनम अन्य कार्यक्रमो का आयोजन किया गया ।संयोजनम 2024 का आज समापन समारोह मनाया गया है, जिसमें एक विश्व रिकॉर्ड कायम किया गया है। इसमें 1 घंटे का संहिता पाठ किया गया है, जिसमें छात्र, शिक्षक, वैज्ञानिकों के साथ विदेशी स्टूडेंट्स भी शामिल हुए हैं। इसका उद्देश्य यही था कि इस श्लोक, संहिता सूत्रों के अंदर आयुर्वेद का ज्ञान छुपा हुआ है। समापन समारोह डॉ रामतीर्थ शर्मा डॉ देवेंद्र चाहर,डॉ मांडवी गौतम डॉ निरंजन गौतम के नेतृत्व में 2500 से अधिक आयुर्वेद
चिकित्सक, शिक्षक, छात्रों ने संगीतमय चरक संहिता के श्लोका का पाठन कर विश्व कीर्तिमान बनाया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा, राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति, विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल को विश्व रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र दिया। बिजौलियां ब्लॉक से डॉ अजय यादव,डॉ नेहा गंगवानी,डॉ अमित यादव,डॉ रिजवाना खान,एवम अन्य डॉ हेमंत सोनी,डॉ प्रमोद मीना,डॉ मुकेश धाकड़,डॉ तेजेश गोयल,डॉ विकल्प नागर,डॉ शिवचरण नागर,डॉ हरिप्रकाश,डॉ रिंकेश, डॉ अरविंद गुप्ता एवम सम्पूर्ण भारत से आये आयुर्वेद के अनुरागीयो ने इस वर्ड रिकॉर्ड को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया किया।