कथित बाबा साकार हरि बना पुलिस से आध्यात्मिक गुरु!
कथित बाबा के सत्संग में भगदड़ से हुई 120 से अधिक लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?
Baba’s volunteer army and administration’s negligence
शीतल निर्भीक
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/उत्तर-प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में आयोजित बाबा साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए हैं। हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इस घटना ने राज्य प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस कथित बाबा के सत्संग में भगदड़ से हुई 120 से अधिक लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? समूचे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।कथित बाबा साकार हरि बना पुलिस से आध्यात्मिक गुरु तक।
बाबा साकार हरि पूर्व पुलिस से आध्यात्मिक गुरु तक
बाबा साकार हरि जिनके बारे में कहा जाता है कि वे पूर्व में यूपी पुलिस में दारोगा रह चुके हैं, अब एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु बन चुके हैं। कुछ लोग उन्हें आईबी से भी जुड़ा बताते हैं। बाबा ने पुलिस के अनुभव का उपयोग करके वर्दीधारी स्वयंसेवकों की बड़ी फौज खड़ी की है, जो उनके सत्संगों के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालते हैं।
सत्संग में भारी भीड़ और अव्यवस्था
बाबा साकार हरि के सत्संगों में लाखों की संख्या में भक्त जुटते हैं। उनके अनुयायी अत्यंत अनुशासित माने जाते हैं और बाबा के निर्देशों का पालन करते हैं। लेकिन, इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जाने से हाथरस में बड़ा हादसा हो गया।
हेलिकॉप्टर से फूल बरसाने का था प्लान!
सत्संग के दौरान हेलिकॉप्टर से फूल बरसाने का प्लान था, लेकिन प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण यह संभव नहीं हो सका। बाबा के शिष्य बिना अनुमति के ही हेलिकॉप्टर तैयार कर चुके थे, जिससे प्रशासनिक नाराजगी भी हुई।
बाबा की स्वयंसेवक फौज और प्रशासन की लापरवाही
बाबा साकार हरि की स्वयंसेवक फौज, जो हल्के गुलाबी रंग की वर्दी में होती है, ट्रैफिक और अन्य व्यवस्थाओं को संभालती है। यह स्वयंसेवक फौज कार्यक्रम स्थल पर चप्पे-चप्पे पर तैनात रहती है। प्रशासन शायद इन स्वयंसेवकों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करता है, जिसके कारण सुरक्षा में चूक हुई और यह हादसा हो गया।
बाबा का जीवन और अनुयायी
बाबा साकार हरि का जीवनशैली और पहनावा आम साधु-संतों से अलग है। वे सफेद पैंटशर्ट और महंगे गॉगल पहनते हैं। उनके अनुयायियों में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित और दबे-कुचले लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं। उनके अनुयायी बाबा को साक्षात हरि का अवतार मानते हैं और उन पर अगाध श्रद्धा रखते हैं।
कथित बाबा की रहीं मीडिया से दूरी!
बाबा साकार हरि और उनके अनुयायी मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं। उनके सत्संगों के तौर-तरीके आम संतों से अलग होते हैं, जिसके कारण वे किसी प्रकार की टीका-टिप्पणी से बचते हैं।
इस हादसे ने राज्य प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रबंध करने की आवश्यकता को उजागर किया है।