Homeराष्ट्रीयउत्तरप्रदेशबुलडोजर से अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन के सामने जिंदा जलीं मां-बेटी !

बुलडोजर से अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन के सामने जिंदा जलीं मां-बेटी !

एसडीएम थानेदार सहित 13 लोगों पर हत्या का केस दर्ज

शीतल निर्भीक

स्मार्ट हलचल,लखनऊ।देश-विदेशो तक यूपी के बाबा का बुलडोजर काफी चर्चित है।जिसके बूते गुंडा- बदमाश व माफिया डॉन की शान पर चलाकर यूपी मे गुंडाराज समाप्त करने के लिए योगी सरकार की मशीनरी लगी हुई है।वही यदि बलवान के घर बुलडोजर चले तो वह रोक नही पाऐगे लेकिन गरीब की मड़ई पर चले तो वह जान पर खेल जाऐगे।ठीक ऐसा ही मामला उत्तर’प्रदेश के कानपुर मे देखने-सुनने को मिल रही है।

मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के कानपुर देहात में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है।यहां बुलडोजर के बूते अतिक्रमण अभियान के दौरान प्रशासनिक अमला के सामने ही मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना को लेकर उत्तर-प्रदेश में सियासी पारा काफी बढ़ गया है।

यह हृदय विदारक घटना सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। जिसके बाद प्रदेश सरकार में मंत्री प्रतिभा शुक्ला मृतक परिवार से मिलने के लिए पहुंची।सपा व कांग्रेस से लेकर सभी विपक्षी दल इस घटना के बाद सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि प्रमिला और उनकी बेटी नेहा की इस हादसे में मौत हो गई जबकि प्रमिला के पति कृष्ण कुमार दीक्षित बुरी तरह से झुलस गए हैं। इस मामले में एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद,थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह सहित 13 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।

घटना की जानकारी मिलते ही कानपुर रेंज के आईजी, एडीजी व कमिश्नर मौके पर पहुंचे। गौर करने वाली बात है कि कानपुर देहात का प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवाने के लिए यहां पहुंचा था, जिस घर को यहां गिराया गया, वहां पर रह रहे लोग खुद को आग के हवाले करने की धमकी दे रहे थे और इन लोगों ने झोपड़ी में खुद को कैद कर लिया। लेकिन जब अभियान शुरू हुआ तो इसके खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यहां अचानक से आग लग गई, जिसमे मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई।

यह हृदय विदारक घटना उत्तर-प्रदेश के कानपुर देहात के मैथा तहली की है, यहां एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम व लेखपाल अशोक सिंह के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। इन लोगों को इस पूरी घटना का दोषी बताया जा रहा है। इन लोगों पर आरोप है कि कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिवार को इन लोगों ने झोपड़ी में जबरन कैद किया और इसे आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद मंडोली गांव में पुलिस और प्रशासन पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद कानपुर रेंज के आईजी,एडीजी और कमिश्नर मौके पर पहुंचे।

इस दौरान परिवार वालों का आरोप है कि कानपुर देहात व नगर के अधिकारियों ने इस गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है।कृष्ण कुमार दीक्षित का कहना है कि वह यहां काफी लंबे समय से रह रहे थे।परिवार के रिश्तेदारों ने पुलिस के साथ मिल कर हमारे खिलाफ यह अभियान किया है। इन लोगों ने अधिकारियों के साथ मिलकर झोपड़ी में आग लगवा दी, जिसमे मेरी पत्नी और बेटी की मौत हो गई।

इस संबंध मे मृतका के परिवार वालों ने मांग की है कि सरकार 50 लाख रुपए का मुआवजा दे। घर के दो बेटों को सरकारी नौकरी दे।इसके साथ ही परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से तत्काल मुलाकात की मांग रखी। परिवार ने आजीवन पेंशन की भी मांग रखी है। कानपुर देहात पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हैा। जिसमे कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह भी इस मुकदमे मे अभियुक्त है।

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