Homeभीलवाड़ा1990 में बड़े भाई बद्रीलाल भारतीय के कारसेवा के दौरान 7 दिन...

1990 में बड़े भाई बद्रीलाल भारतीय के कारसेवा के दौरान 7 दिन जेल में बन्द रहने से भी कम नहीं हुआ जज्बा,

कहानी –
(कारसेवक सुखदेव सैनी की)

1992 में अयोध्या जाकर की कारसेवा।

स्मार्ट हलचल/ महेंद्र कुमार सैनी

नगर फोर्ट भगवान राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का दिन जैसे-जैसे पास आ रहा है।पुराने कई किस्से भी सामने आ रहे हैं।कई कार सेवक अपनी आपबीती मीडिया के सामने आकर सुना रहे हैं।
जब दिव्यांग जगत संवाददाता अशोक कुमार सैनी ने उनसे बात की तो ऐसी ही एक कहानी पचाला के सुखदेव सैनी की है।जिसे सुन मन भावुक हो जाएगा।
राम मंदिर आंदोलन से लेकर भगवान राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बीच काफी लंबा समय बीता है।अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां तेजी से चल रही है।पूरे देश में सभी अपना-अपना योगदान दे रहे है।जैसे-जैसे प्राण-प्रतिष्ठा का समय नजदीक आ रहा है । वैसे-वैसे कई किस्से सामने भी आ रहे हैं।टोंक जिले की उनियारा उपखंड के पचाला कस्बे के ऐसे ही एक कारसेवक सुखदेव सैनी ने भी अपनी कहानी दिव्यांग जगत अखबार को बताई है।जो 6 दिसंबर 1992 के दिन कारसेवा में शामिल हुए थे।

* उनियारा के पचाला कस्बें के रहने वाले हैं सुखदेव सैनी *

टोंक जिले की उनियारा उपखंड के पचाला कस्बे के रहने वाले सुखदेव सैनी भी फिर से अयोध्या जाने का मन बना चुके हैंहैं। हालांकि उन्होंने बताया कि उन्हें इस आयोजन में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं आया है । लेकिन फिर भी वो अयोध्या भगवान रामलला के दर्शन करने जरूर जाएंगे। सुखदेव सैनी ने बताया कि 1992 में पचाला से आयोध्या कारसेवा के लिए गये थे । तब उनकी उम्र महज 22 वर्ष थी और अपने गाँव से अकेले ही निकले थे। बाद में सवाई माधोपुर जंक्शन से उनियारा के शंकर लाल ठाड़ा, बलभद्र सिंह व अलीगढ़ के सुभाष वर्मा, महेंद्र गोयल, मुरली जांगिड़, पप्पू पण्डित एवं बालिथल के शंकरलाल सैनी का साथ मिला। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि हम सवाई माधोपुर जंक्शन से लखनऊ जंक्शन पर उतरे और हमने वहां से अलग ट्रेन के द्वारा फैजाबाद होते हुए 1 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे। वंहा पहुँचकर विवादित ढाँचे में रामलला के दर्शन किये। वही वंहा मौजूद पुलिस वालों और पुजारियों ने हमें बताया कि जो उसमें पिल्लर बने हुए थे उनमें भगवान की मूर्तियां बनी हुई थी।वंहा परिक्रमा मार्ग भी बना हुआ था। 5 दिसम्बर को वंहा मौजूद सभी कारसेवकों को बताया गया कि 6 दिसम्बर को 12 बजे भजन कीर्तन के साथ कारसेवा होगी। जब 6 दिसम्बर को कारसेवा शुरू हुई तब में कारसेवा में सबसे आगे चल रहा था। देखते ही देखते माहौल बदल गया। चारों तरफ धूल ही धूल थी। यहां कोई आंधी नहीं चल रही थी लेकिन यह मंजर किसी आंधी से कम भी नहीं था। अपार जनसैलाब से यही भ्रम हो रहा था। इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि भीड़ हजारों में थी या लाखों में। हां, एक बात जो उस पूरी भीड़ में थी, वह था-जोश और जुनून। इसमें रत्तीभर भी कमी नहीं थी। ऐसा लग रहा था-जैसे वहां मौजूद हर व्यक्ति अपने आप में एक नेता था। ‘जय श्रीराम’, ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, ‘एक धक्का और दो… जैसे गगनभेदी नारों के आगे आकाश की ऊंचाई भी कम पड़ती दिख रही थी। एक किशोर कार सेवक ने संरचना के चारों ओर कॉर्डन का उल्लंघन किया और गुंबद पर चढ़ गया। लगभग 150 कार सेवक उसके पीछे आए और हथौड़े, फावड़े और लौहे की छड़ें अपने साथ लेकर आए।
करीब 5,000 कार सेवकों ने गुंबद पर हमला शुरू कर दिया था। आडवाणी, जोशी, अशोक सिंघल और विजयराज सिंधिया ने उन्हें गुंबद से नीचे आने का अनुरोध किया। लेकिन फिर भी कोई नहीं रूका। यह सारा वाक्या अयोध्या का था। फिर 6 दिसंबर का दिन इतिहास में दर्ज हो गया।उस दिन सुखदेव जैसे कई कारसेवको ने विवादित ढांचे को गिराकर, मलबे से भगवान राम का सिंहासन, घंटा और मंदिर से जुड़ी कुछ अन्य सामग्री को तत्काल 8 फीट उंची दीवार बनाकर चबूतरे पर रख दिया। जिसके बाद कारसेवक वहां से रवाना हो गए।

अयोध्या में मनीं थी दिवाली –
6 दिसंबर को पूरे अयोध्या में दिवाली मनाई गईगई। घर-घर दीप जलाए गए।कुछ लोगों ने माला पहनाकर कारसेवकों की आरती उतारी।कारसेवकों को विशेष ट्रेन से वापस भेजा गया और हिदायत दी गई थी कि ट्रेन रुकने पर गेट नहीं खोलना है।
जब से रामलला के मंदिर बनने की बात पता चली तभी से सुखदेव बहुत भावुक है।
उनका कहना था कि इतने सालों से रामलला को उनके घर में देखने का सपना अपनी आँखों मे सँजोए हुए थे। जो 22 जनवरी की तारीख को पूरा हो रहा है।वो इसे अपने आंखो से देखना चाहते हैं इसलिए बिना निमंत्रण के ही अयोध्या जा रहे हैं।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
news paper logo
RELATED ARTICLES