भीलवाड़ा-मूलचन्द पेसवानी
भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ क्षेत्र में पंचायत समिति अंतर्गत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोटरों का खेड़ा में कार्यरत पंचायत शिक्षक मीठालाल मीणा को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर सरकारी सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि शिक्षक और शिक्षार्थी के बीच पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षक मीठालाल मीणा का मामला समाचार माध्यमों में आने के बाद शिक्षा मंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री के निजी सहायक के अनुसार, प्रसारित समाचार में यह तथ्य सामने आया कि पंचायत शिक्षक मीठालाल मीणा एक बालिका के साथ संदिग्ध अवस्था में अपने किराए के कमरे में पकड़ा गया था। इस घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर उसकी जमकर धुनाई कर दी।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि ऐसे शिक्षक से विभाग की पूरी छवि धूमिल होती है। शिक्षक समाज का आदर्श होता है और उसके आचरण से ही समाज में शिक्षा और संस्कारों की नींव रखी जाती है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर शिक्षक को बर्खास्त करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि मानती है। यदि कोई व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग करता है या शिक्षकों के गरिमामयी पद का अपमान करता है, तो उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री दिलावर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे मामलों में देरी न करते हुए त्वरित और सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में अन्य कर्मचारियों को भी इससे सीख मिले और शिक्षा विभाग की गरिमा अक्षुण्ण बनी रहे।
स्थानीय स्तर पर इस घटना को लेकर लोगों में भी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने मांग की थी कि आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और विद्यालय में पढ़ाई का वातावरण भयमुक्त बना रहे।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार मीठालाल मीणा को पहले ही एपीओ कर दिया गया था और अब सेवा से बर्खास्तगी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस संबंध में संबंधित पंचायत समिति और जिला शिक्षा अधिकारी को भी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के अन्य शिक्षकों से भी अपील की है कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी और नैतिकता के साथ करें तथा विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बनें। ऐसी घटनाएं न केवल विभाग को बदनाम करती हैं, बल्कि समाज में भी गलत संदेश देती हैं, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।