जे पी शर्मा
बनेड़ा -उपखण्ड मुख्यालय स्थित राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के तत्वावधान में शनिवार को ग्राम मानपुरा में द्वितीय एक दिवसीय शिविर का सफल आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ राष्ट्रीय सेवा योजना के गीत के साथ हुआ। यह शिविर प्राचार्य प्रो. डॉ. के.एल. मीणा के कुशल मार्गदर्शन एवं कार्यक्रम प्रभारी डॉ. सिद्धार्थ कुमार देसाई के नेतृत्व में संपन्न हुआ। जागरूकता रैली और सामाजिक संदेश शिविर का शुभारंभ प्रातः 9:00 बजे महाविद्यालय परिसर से हुआ, जहाँ से स्वयंसेवक ग्राम मानपुरा के लिए रवाना हुए। गाँव में स्वयंसेवकों द्वारा एक भव्य जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरुद्ध जागरूक करना नशा मुक्ति अभियान को गति प्रदान करना था। विद्यार्थियों ने नारों और तख्तियों के माध्यम से मृत्यु भोज, बाल विवाह और नशाखोरी जैसी सामाजिक बुराइयों के निवारण का संदेश दिया। साथ ही, शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए ग्रामीणों को अपने बच्चों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया। शिविर के बौद्धिक सत्र में विद्यार्थियों ने चार्ली नेचर पार्क का भ्रमण किया। यहाँ आयोजित बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता संजय जैन ने विस्तृत चर्चा की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए ‘पौधारोपण और उनकी देखरेख’ विषय पर विशेष वार्ता दी। श्री जैन ने युवाओं को बताया कि किस प्रकार एक छोटा सा पौधा भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राणवायु का आधार बन सकता है। सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने प्रकृति के साथ जुड़ाव महसूस किया और पर्यावरण प्रहरी बनने का संकल्प लिया। महाविद्यालय की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने हेतु कार्यक्रम के दौरान एक विशेष अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। हाल ही में आयोजित खेल प्रतियोगिता में हैंडबॉल में उपविजेता रही महाविद्यालय की महिला खिलाड़ियों की टीम का माला पहनाकर स्वागत किया गया। प्राचार्य डॉ. मीणा और खेल प्रभारी सुबोध कुमार शर्मा ने खिलाड़ियों के जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि खेल न केवल शारीरिक विकास करते हैं बल्कि अनुशासन और टीम भावना भी सिखाते हैं। अंत में, प्राचार्य प्रो. डॉ. के.एल. मीणा ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का लक्ष्य ‘स्वयं से पहले आप’ की भावना को जागृत करना है। डॉ. सिद्धार्थ कुमार देसाई ने सभी स्वयंसेवकों को समाज सेवा के कार्यों में निरंतर सक्रिय रहने हेतु प्रेरित किया।


