सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर हो रहे निर्मम अत्याचार पर बड़लियास उप तहसील मुख्यालय पर कड़ा विरोध प्रदर्शन किया । सवाईपुर चौराहे पर एकत्रित होकर मुख्य चौराहा, चमन चौराहा होते हुए उप तहसील कार्यालय पर पहुंचे, सर्व हिंदू समाज ने रैली निकालकर नायब तहसीलदार मदनलाल शर्मा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में बताया गया कि हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता की स्थिति बनी हुयी है. जिस कारण वहाँ रहने वाले हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के समक्ष अपने जान माल की सुरक्षा का गम्भीर संकट पैदा हो गया है, वहां की शेख हसीना सरकार के त्यागपत्र और उनके देश छोड़ने के बाद अन्तरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है, संकट की इस घड़ी में भारत की जनता एवं सरकार बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ी है, बांग्लादेश में पिछले कुछ समय में हिन्दू सिख व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है, हजारों घर, दुकानें आदि कट्टरपंथियों के निशाने बने तथा अनेक जिलों में तो शमशान तक तोड़ दिए गए, मंदिर और गुरुद्वारों को भी भारी क्षति पहुंचाई गयी है, बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो जो अतिवादियों की हिंसा व आतंक का निशाना न बना हो । बांग्लादेश में हिंदू जो कभी 32 प्रतिशत थे, अब घटकर 8 प्रतिशत से भी कम बचे हैं और जो बचे हैं वे भी निरन्तर उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं, बांग्लादेश में हिंदूओं के घर, मकान, दुकान, ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान व महिलाएं, बच्चे व उनकी आस्था व विश्वास के केन्द्र मन्दिर व गुरुद्वारे तक सुरक्षित नहीं हैं, वहां पीड़ित अल्पसंख्यकों की स्थिति अत्यन्त चिंतनीय होती जा रही है, बांग्लादेश में मानवाधिकारों की बलात हत्या की जा रही है, ऐसे में विश्व समुदाय की यह जिम्मेदारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही करें, सनातनी वर्ग के सहिष्णु स्वभाव रखने से समय-समय पर जान, माल, धर्मान्तरण आदि रूप से प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष एवं दूरगामी नुकसान जग जाहिर है, भारत की सनातनी जनता और सरकार इस परिस्थिति में आंखे मूँद कर नहीं रह सकते, भारत देश ने समय समय पर विश्व भर के उत्पीड़ित एवं शोषित वर्ग व समाज की सहायता कर मानवता की मिसाल प्रकट की है, यह संभव है कि इस परिस्थिति का लाभ उठा कर सीमा पार से अवैध घुसपैठ का एक बड़ा प्रयास होगा, इससे सतर्क रहना होगा, इसलिए हमारे सुरक्षा बलों के लिए यह आवश्यक है कि सीमा पर कड़ी चौकसी बरतें और किसी भी तरह के घुसपैठ को न होने दें तथा सीमा पार से आने वाले पीड़ित हिन्दू अल्पसंख्यकों के आवास, चिकित्सा, सुरक्षा, भरण पोषण आदि की सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूर्ण व्यवस्था हो तथा बगैर कठोर औपचारिकता के बांग्लादेश से आने वाले हिन्दुओं-अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दे । ज्ञापन के दौरान सरपंच प्रकाश चंद्र रैगर, पंचायत समिति सदस्य दिलीप सिंह, पूर्व सरपंच सत्यनारायण काबरा, पंचायत समिति सदस्य युवराज सिंह, मनोज सेन, कल्याण नाथ, शिव जोशी, लादूलाल व्यास, ओम काबरा, मुकेश शर्मा, राकेश जायसवाल, प्रहलाद पोरवाल, छगन धाकड़, मदन कुम्हार, रामेश्वर सोनी, कैलाश ओझा, सांवरमल गाडरी आदि कई मौजूद रहे ।