– फर्जी पहचान पत्र बनाकर देश में घुसपैठ में माहिर निकला बांग्लादेशी
सुनील बाजपेई
कानपुर। स्मार्ट हलचल/एटीएस ने यहां के सेंट्रल स्टेशन से .अवैध रूप से भारत में रहने वाले एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है । वह और भी कई लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर घुसपैठ कराने में सफल हो चुका है। एटीएस इस मामले की गंभीरता की जांच में जुटी है।
जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया बांग्लादेशी भारत में अवैध रूप से बांग्लादेशियों को बसाने वाले गैंग का सदस्य है । मोहम्मद राशिद अहमद सरदार निवासी अफ्रीकी मंजिल दारुल उलूम देवबंद सहारनपुर वास्तविक पता ग्राम मंदारी थाना लक्ष्मीपुर चटगांव बांग्लादेश को एटीएस ने बांग्लादेश जाने से पहले कानपुर सेंट्रल स्टेशन से गिरफ्तार किया है।
बताया गया कि गिरफ्तार बांग्लादेशी त्रिपुर सुंदरी एक्सप्रेस से अगरतला जाकर बॉर्डर पारकर बांग्लादेश जाने वाला था। इससे पहले एटीएस ने दस्तावेज समेत कार्रवाई कर दी।
इस बारे में यह भी अवगत कराते चलें कि
विदेशी संस्थाओं से करोड़ों रुपये प्राप्त करके भारत में अवैध रूप से बांग्लादेशियों को बसाने वाले गैंग के अदिलुर रहमान असरफी निवासी ढाका, अबु हुरैरा गाजी निवासी नॉर्थ, शेख नजीबुल हक निवासी 24 परगना साउथ, तानिया मंडल निवासी पिरोजपुर, इब्राहिम खान निवासी बांग्लादेश, मोहम्मद अब्दुल अव्वल निवासी गोलपारा, आसाम और अबू सालेह मंडल थाना स्वरुपनगर, नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल सात सदस्यों को एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है।
जानकारी के मुताबिक इस बांग्लदेशी गैंग का आठवें सदस्य मोहम्मद राशिद अहमद सरदार के पास से एटीएस ने 6040 रुपये नकद, भारतीय आधार कार्ड (फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाया गया), दारुल उलूम देवबंद मदरसे की आईडी कार्ड, रेलवे टिकट, एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है।
वहीं एटीएस ने बताया कि बांग्लादेशी मो. राशिद ने पूछताछ में बताया कि वह आठ साल पहले अपने बांग्लादेशी पासपोर्ट से टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। यहां आने के बाद देवबंद स्थित मदरसा दारुल उलुम में अपना नाम पता बदलकर दाखिला लिया था।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प. बंगाल के पते का आधार कार्ड बनवा लिया था और वर्ष 2016 से देवबंद में ही रह रहा था।