पुनित चपलोत
भीलवाड़ा। पुर रोड स्थित बापू नगर की बंजारा बस्ती के निवासियों ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पर उग्र प्रदर्शन किया। करीब 50 वर्षों से वहां रह रहे गरीब और श्रमिक परिवारों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर नगर विकास न्यास (UIT) के अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया और अपने आशियाने के लिए पट्टे जारी करने की मांग की।
22 साल पुराना है आश्वासन का मामला
बस्तीवासियों ने बताया कि वे लंबे समय से यहां निवास कर रहे हैं। वर्ष 2002 में नगर विकास न्यास ने उनके पुराने कच्चे मकानों को यह कहकर तोड़ा था कि उन्हें पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे। उस समय कुल 44 कच्चे मकानों के स्थान पर न्यास ने केवल 29 मकानों का निर्माण कराया, जबकि शेष 15 परिवारों ने प्रशासन के भरोसे खुद के स्तर पर मकान बना लिए।
पट्टा न मिलने से अधर में भविष्य
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि तत्कालीन यूआईटी चेयरमैन लक्ष्मीनारायण डाड ने सभी परिवारों को पट्टा जारी करने का आश्वासन दिया था। आज दो दशक बीत जाने के बाद भी इन 15 परिवारों को पट्टे नहीं मिले हैं, जबकि उनके पास बिजली बिल, आधार कार्ड, राशन कार्ड और श्रमिक डायरी जैसे पुख्ता दस्तावेजी प्रमाण मौजूद हैं।
कियोस्क की आड़ में बेदखली का डर
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि अब यूआईटी के अधिकारी और कर्मचारी कियोस्क (Kiosk) बनाने का बहाना बनाकर उन्हें वहां से हटाने की धमकी दे रहे हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से बस्ती के मजदूर परिवारों में भारी रोष और मानसिक तनाव है।
कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग
बस्ती के निवासियों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि:
नगर विकास न्यास को तुरंत प्रभाव से पट्टे जारी करने के निर्देश दिए जाएं। कियोस्क के नाम पर परिवारों को उजाड़ने की कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाई जाए।
तत्कालीन चेयरमैन लक्ष्मी नारायण डाड द्वारा दिए गए आश्वासन को लागू कर गरीब परिवारों को राहत प्रदान की जाए। निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें जल्द न्याय नहीं मिला और पट्टे जारी नहीं किए गए, तो वे अपने हक के लिए आंदोलन को और तेज करेंगे।


