अनूठे कार्य जो नीरज के पवन के कारण नजीर बने
बांसवाड़ा, 6 सितंबर। स्मार्ट हलचल/राज्य सरकार ने बांसवाड़ा को संभाग मुख्यालय बनाकर पहले संभागीय आयुक्त के रूप में ऊर्जावान युवा आईएएस अधिकारी नीरज के पवन को जिस उद्देश्य को लेकर कमान सौंपी थी उस उद्देश्य को उन्होंने पूरा किया। अब नई सरकार ने पवन को उनकी इच्छा के अनुरूप पुन: जयपुर मुख्यालय पर पदस्थापित करते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों का तोहफा दिया है। पवन ने अपने कार्यकाल में बांसवाड़ा के पहले संभागीय आयुक्त के रूप में कई अनूठे कार्य किए हैं जिनके कारण उनका कार्यकाल बांसवाड़ावासियों को लंबे समय तक याद रहेगा।
बदलाव के नायक थे नीरज :
अपने आरंभिक कार्यकाल में पवन ने संभाग मुख्यालय का सेटअप स्थापित करने में व्यतीत किया तो नई सरकार के आते ही उनके कार्य में पवन की गति आ गई। शहर के हर गली-मोहल्ले, गांव-कस्बे, हर किसी की ज़ुबान पर पवन का ही नाम था, क्योंकि उनके आने से शहर व जिले में एक बदलाव की लहर आई थी, एक ऐसी लहर जिसने बहुतों की उम्मीदों को नया आकार दिया।
शुरुआत में अतिक्रमण के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर शायद हर कोई पवन से सहमत नहीं था। लेकिन समय के साथ, उनकी मेहनत ने उन आलोचनाओं को चुप कर दिया। माही कॉलोनी की दीवार हो या महात्मा गांधी चिकित्सालय की सड़क, उन्होंने न सिर्फ बांसवाड़ा को बेहतर बनाने का प्रयास किया, बल्कि यह साबित किया कि सही नीयत और साहस से हर मुश्किल काम संभव हो सकता है।
किसी अधिकारी के लिए अपने कार्यकाल को सिर्फ औपचारिकताओं में बिताना आसान होता है। मुख्य अतिथि बनकर फीते काटना, बैठकों में आदेश देना, और फिर विदाई लेना—यह उनकी जिम्मेदारियों का आसान रास्ता हो सकता था। लेकिन पवन ने वह रास्ता चुना, जिस पर चलने का साहस हर किसी में नहीं होता। धूप में तपते हुए, गलियों में घूमते हुए, और गांवों में लोगों की समस्याएं सुनते हुए, उन्होंने दिखाया कि जब एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझता है, तो असंभव भी संभव हो जाता है।
कई यादगार कार्यों का श्रेय पवन को :
बांसवाड़ा संभाग भर के गांव, कस्बों और शहरों में अतिक्रमण हटाने के अभियान के साथ ही पवन ने अपने कार्यकाल में कई यादगार कार्यों को अंजाम दिया था। कर्क रेखा की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति वाले वागड़ अंचल में कर्क रेखा वाले सभी स्थानों पर साइन बोर्ड लगाकर जिले का गौरव बढ़ाने के साथ—साथ पवन ने ही अपनी पहल पर पहली बार कर्क संक्रांति का आयोजन करते हुए देश—दुनिया का नाम बांसवाड़ा की ओर आकृष्ट किया। पवन ने माही के टापूओं का पर्यटन दृष्टि से विकास करने के लिए कार्ययोजना तैयार करवाने के साथ ही संभाग के सभी जिलों में पर्यटन विकास की संभावनाएं तलाशी और इनको मूर्त रूप देने पत्राचार करवाया। बांसवाड़ा शहर के सौंदर्यीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर पवन ने विकास की अपनी प्रतिबद्धता को जताया। सरकारी कार्यालयों में काम की पद्धति को विकसित करने की दृष्टि से आपने संभागीय आयुक्त होते हुए कलक्टर की भांति अलग—अलग सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया। आपने राष्ट्रपति की यात्रा दौरान अभूतपूर्व व्यवस्थाओं के बीच जनजाति महिलाओं से संवाद कार्यक्रम करवाया।
वे काम जो पवन की कोशिश के बाद अधूरे हैं
1 .मेडिकल कॉलेज से होते हुए गुजर रही कागदी नहर की बेरिकेटिंग ।
2. महात्मा गांधी चिकित्सालय को जाने वाली कलेक्ट्री रोड़ के सिरहाने स्थित केबिनों को पीछे लेकर पक्की बनाकर उस मार्ग को चौड़ा करना जिससे यातायात सुगम हो सके ।
3. शास्त्री नगर हाउसींग सड़क को डूंगरपुर मुख्य मार्ग से जोड़ना ।
4. बाँसवाड़ा को पर्यटन केंद्र के रूप मे विकसित करना।
5. शहर की टूटी सड़के गड्डों का डामरीकरण कर धुल मिट्टी से निजात दिलाना।
6. सार्वजनिक जगहों को साफ सुथरा और सौन्दर्यीकृत करके बाँसवाड़ा को स्वच्छता में प्रथम स्थान पर लाना ।
सेवा में विविध भूमिकाएँ:
2002 से 2004 तक मसूरी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद नीरज की पहली नियुक्ति 2004 में पाली में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई.
2005 में केवल 3 दिन के लिए निंबाहेड़ा में उपखंड अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला इसके तुरंत बाद उनका ट्रांसफर 2005 में ही भरतपुर एसडीएम के रूप में हो गया.
उसके बाद सन् 2007 से लेकर 2009 तक डूंगरपुर जिला कलेक्टर के रूप में कार्य किया.
उसके बाद 2009 से 2010 तक करौली के कलेक्टर के रूप में कार्य किया.
इसके बाद 2010 से 2012 तक पाली जिले में बतौर कलेक्टर रहे.
2012 में हाउसिंग बोर्ड में नियुक्त हुए.
2013 में भरतपुर में कलेक्टर नियुक्त किए गए.
इसी तरह 2014-15 में स्वास्थ्य विभाग.
2016 में कृषि विभाग,
2018 में रजिस्टार कोऑपरेटिव,
2019 में डीपीआर में कमिश्नर,
2020 में श्रम विभाग सेक्रेटरी,
2021 में बीकानेर संभागीय आयुक्त रूप में कार्य कर चुके हैं.
इसके बाद उनको बांसवाड़ा को संभाग मुख्यालय बनाने के बाद IAS नीरज के. पवन को संभागीय आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया