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बारह साल पुराने रिश्वत के मामले में कोर्ट ने दलाल को दो साल की सजा से किया दंडित, दीवान की पहले ही हो चुकी है मौत, ड्रॉप हुई कार्रवाई

पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । बारह साल पहले सदर थाने के दीवान रामराज मीणा के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में जाटों का बाड़ा, सुवाणा निवासी आरोपित दलाल सोमेश्वर जाट को दो साल की सजा और 5 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। वहीं दीवान रामराज की प्रकरण की ट्रायल के दौरान मौत हो जाने से उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई। फैसला, सोमवार को विशिष्ट न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रकरण) ने सुनाया।

यह था मामला

विशिष्ट लोक अभियोजक कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि एक परिवादी ने 18 जुलाई 2012 को एसीबी डीएसपी भीमसिंह बीका को जुबानी इत्तला दी कि वह अपने ननिहाल में मामा के यहां रहता है। मामा ने 12 जुलाई 2012 को भूलवश कीटनाशक दवा पी ली थी। मामा को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। परिवादी के मामा के बयान लेने सदर थाने से दीवान रामराज मीणा आये थे। मामा, ने बयान में कहा कि उसने भूलवश कीटनाशक दवा पी ली है। कोई कार्रवाई नहीं चाहता हूं। दीवान रामराज परिवादी के मोबाइल नंबर लेकर चले गये।

अवैध संबंध में चोरी के आरोप लगाकर मांगी 20 हजार की रिश्वत

दो-तीन दिन पहले दीवान ने परिवादी को फोन कर कहा कि तेरे, तेरी मामी से अवैध संबंध है। तूने 80 हजार रुपये की चोरी तेरे मामा के घर कर ली। तू थाने पर आकर मेरे से मिल लेना नहीं तो मैं, तेरे खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कर जेल भिजवा दूंगा। इस पर परिवादी थाने जाकर दीवान रामराज से मिला और उन्हें बताया कि उसके कोई अवैध संबंध नहीं है और न ही उसने रुपये चोरी किये हैं। दीवान रामराज ने परिवादी से मामला निबटा देने की एवज में खर्चे-पानी के 20 हजार रुपये की मांग की।

रिश्वत नहीं देना चाहता था, ली एसीबी की शरण

एसीबी से परिवादी ने कहा कि वह दीवान को रिश्वत नहीं देना चाहता, बल्कि उसे रंगे हाथ पकड़ाना चाहता है। इस इत्तला पर डीएसपी बीका ने 18 जुलाई 12 को रिश्वत राशि की मांग का सत्यापन करवाया। सत्यापन के बाद ट्रैप की योजना तैयार की। इसी के तहत एसीबी ने परिवादी को सोमेश्वर जाट की चाय की दुकान पर भेजा। परिवादी का इशारा पाकर एसीबी टीम मौके पर पहुंची।

दलाल ने ली रिश्वत, दोनों हुये गिरफ्तार

जहां परिवादी ने सोमेश्वर की ओर इशारा करते हुये बताया कि ये सोमेश्वर जाट है, जिन्होंने उसकी सदर थाने में दर्ज शिकायत रफा-दफा करने की एवज में जांच अधिकारी दीवान रामराज के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगने पर उन्हें 5 हजार रुपये दिये हैं, जो उसने शर्ट की जेब में रख दिये। यह राशि उसने दीवान रामराज के कहे अनुसार सोमेश्वर को दी। एसीबी ने सोमेश्वर से रिश्वत राशि बरामद कर दीवान रामराज व सोमेश्वर जाट को गिरफ्तार किया था।

ट्रायल के दौरान हो गई थी दीवान की मृत्यु

एसीबी ने मामले की तफ्तीश पूर्ण कर दोनों के खिलाफ एसीबी कोर्ट में चार्जशीट पेश की। न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान 30 नवंबर 2015 को दीवान रामराज की मौत हो जाने से उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई। न्यायालय ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुये दलाल सोमेश्वर को दो साल की सजा और 5 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया।

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