शाहपुरा@(किशन वैष्णव )बारहठ महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ के तत्त्वावधान में राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 की विभिन्न गतिविधियों के अन्तर्गत प्राचार्य डॉ पुष्कर राज मीणा की अध्यक्षता एवं निर्भया स्क्वायड टीम सुश्री गायत्री 1031,पुलिस विभाग, शाहपुरा एवं विनिता वैष्णव, केंद्र प्रबंधक, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र,शाहपुरा के मुख्य आतिथ्य में व्यक्तिगत सुरक्षा के संदभ में कार्यशाला एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन किया गथा। टीम की सदस्यों ने महाविद्यालय की छात्राओं को महिला सुरक्षा की विभिन्न तकनीके बताते हुए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया। विनीता वैष्णव ने महाविद्यालय की छात्राओं को पुलिस हेत्पलाइन.,गरिमा हेल्पलाइन के संबंध में जानकारी दी। जहां बालिकाओं एवं महिलाओं की सूचना गुप्त रखते हुए.उनके द्वारा की गई शिकायत पर कार्रवाई की जाती है. स्क्वाड की सदस्यों द्वारा छात्राओं को अपनी सुरक्षा से संबंधित कानूनी जानकारी एवं सोशल मीडिया से होने वाले उत्पीड़न से बचाब के उपाय बताए।महिलाओं को टोल फ्री न. एवं महिला सुरक्षा सम्बन्धी विभिन्न मोबाइल एप्लीकेशन देते हुए महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों एवं महिला सम्बन्धी विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। निर्भया स्क्वॉ्ड की सदस्य गायत्री जी ने बताया कि किस प्रकार अलग अलग परिस्थितियों में जैसे एक हाथ पकड़ने पर, दोनों हाथ पकड़ लेने पर, पीछे से पकड़कर हाथ लॉक कर देने के बाद, यह नीचे गिराकर लॉक करदेने पर किस प्रकार भयभीत हुए बिना, बताई गई विविध तकनीकों का प्रयोग कर अपना बचाव कि किया जा सकता है. निर्भया टीम के सदस्यों ने बताया कि अपने बचाव के लिए छुड़ाने के प्रयास के साथ शरीर के सवेदनशील हिस्सों पर जैसे गला, चेहरा, नाक छाती का नाजुक हिस्सा एवं घुटना आदि पर प्रहार करके आक्रमण करने वाले वाले को घायल किया जा सकता है और सुरक्षित स्थान पर पहुंचते ही संबंधित हेल्पलाइन नंबर से सहायता मांगी जा सकती है। उन्होंने बताया कि स्वयं के बचाव के लिए किए गए आक्रमण पर कोई सजा नहीं होती है। निर्भया टीम ने आपसी संवाद के दौरान छात्राओं की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की एवं समाधान भी सुझाया। प्राचार्य डॉ पुष्कर राज मीणा जी ने छात्राओं को प्रोत्साहित किया कि वे बिना घबराए अपना बचाव करने के लिए हमेशा तैयार रहें और अपने खानपान एवं व्यायाम का भी ध्यान रखें, जो विपरीत परिस्थितियों में आत्मविश्वास बनाने में सहायता करता है साथ ही उन्होंने बताया कि सेल्फ-डिफेंस एक ऐसी चीज है जो हर महिला को कॉन्फिडेंस बढ़ाने में मदद करती है। यह उन्हें खुद को किसी भी खतरे से बचाने की ताकत और क्षमता देती है। जब किसी पर किसी भी तरह का हमला होता है, तो हमारे पास दो विकल्प होते हैं, या तो इससे लड़ें या इसके सामने समर्पण कर दें। ऐसे में, सेल्फ डिफेंस का मतलब ये नहीं है कि आप आप उस स्थिति में जरूर ही लड़े बल्कि, इसका मतलब है कि आप उस खतरनाक स्थिति से बचकर निकल सके और खुद की सुरक्षा कर सकें।कार्यक्रम के प्रारम्भ में महिला प्रकोष्ठ एवं राजस्थान राज्य महिला नीति प्रभारी डॉ ऋचा अंगिरा ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं विषय वस्तु पर प्रकाश डाला, एवं छात्राओं को कहा कि वे इस प्रकार का कोई भी उत्पीड़न होने पर महाविद्यालय के प्राचार्य या प्रवक्ताओं को सुचित कर सकती है अथवा शिकायत पेटिका में भी शिकायत दर्ज करा सकती है । कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्य एवं अन्य महाविद्यालय अधिकारीगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सलीना बानो और मैना कीर ने किया। कार्यक्रम के अंत में नेहा जैन सभी का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया।