मुकेश खटीक
मंगरोप। शनिवार बीती रात हमीरगढ़ उपखण्ड क्षेत्र के रीको एरिया में स्थित BSL फैक्ट्री के एक ट्रक द्वारा कथित रूप से केमिकल युक्त वेस्टेज(रासायनिक अपशिष्ट)बरड़ौद गांव की गौचर भूमि में डंप किए जाने का मामला सामने आया है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री का वाहन देर रात गांव की सीमा में पहुंचा और भारी मात्रा में रासायनिक कचरा खाली कर फरार हो गया।सुबह जब ग्रामीणों ने देखा तो वहां बदबूदार झाग और केमिकल मिला पानी फैला हुआ था,जिसे आसपास चर रहे गाय-बैल और अन्य मवेशी चाटने लगे।ग्रामीणों को आशंका है कि इस जहरीले अपशिष्ट के सेवन से मवेशियों की मौत हो सकती है।ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी फैक्ट्री की ओर से इसी प्रकार का रासायनिक वेस्ट यहां डंप किया गया था,लेकिन उस समय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।इस बार ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप सुबह से ही घटनास्थल पर धरना शुरू कर दिया है।धरने में बड़ी संख्या में ग्रामीण,महिलाएं और पशुपालक शामिल हैं। लोगों का कहना है कि जब तक संबंधित विभाग के अधिकारी मौके पर आकर जांच नहीं करेंगे और जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक धरना जारी रहेगा।ग्रामीणों ने फैक्ट्री प्रशासन और पर्यावरण विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह क्षेत्र सार्वजनिक गौचर भूमि है, जहां पूरे गांव के मवेशी चरते हैं। यहां केमिकल वेस्ट डंप करने से न केवल पशुओं की जान को खतरा है बल्कि भूमिगत जल स्रोत भी दूषित हो सकते हैं।सुबह से ही ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी है,लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र जांच और कार्रवाई नहीं हुई तो वे धरने को बड़ा आंदोलन का रूप देंगे और फैक्ट्री के खिलाफ सख्त कदम उठाने को बाध्य होंगे।
मुख्य मांगें:
गौचर भूमि से केमिकल वेस्ट की तुरंत सफाई व वैज्ञानिक निस्तारण किया जाए।
पशुओं की सेहत की जांच के लिए पशु चिकित्सा टीम भेजी जाए।
दोषी फैक्ट्री प्रबंधन पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।
भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए स्थायी निगरानी व्यवस्था बनाई जाए।


