शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
मांडलगढ़, शाहपुरा सहित जिले में में पिछले तीन दिनों से जारी बेमौसम बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शाहपुरा, बरूंदनी, सिंगोली, धाकड़खेड़ी, जोजवा, मोटरों का खेड़ा, सराणा, फलासिया, सुरास सहित आसपास के गांवों में रविवार तड़के शुरू हुई बारिश मंगलवार की शाम तक रुक-रुककर कभी तेज तो कभी धीमी रफ्तार से होती रही। आसमान पर छाए घने बादलों के कारण सूर्य देवता के दर्शन तक नहीं हुए। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को न केवल घरों में दुबकना पड़ा, बल्कि खेतों में खड़ी और काटकर रखी फसलें भी पानी में खराब हो गईं।
खेतों में पानी, किसानों की मेहनत पर पानी-
बरसात के कारण खेतों में काटकर रखी मक्का की फसल पूरी तरह भीगकर खराब हो गई है। खेतों की मेड़ों पर रखे घास के ढेर भी गीले होकर सड़ने लगे हैं। वहीं, मूंगफली की फसल वाले खेतों में पानी भर जाने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। लगातार 44 घंटे तक हो रही बारिश ने किसानों और ग्रामीणों दोनों को परेशान कर दिया है। मूक पशुधन भी इस बारिश से बेहाल हैं। कई जगह गौशालाओं और पशु बाड़ों में पानी घुस गया, जिससे चारा भी गीला हो गया।
ओराई बांध की नहरों में भी उफान-
तेज बारिश से ओराई बांध की नहरों में पानी का स्तर बढ़ गया है। बरसाती पानी खेतों तक पहुंचने से कई किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार मानो राम और राज दोनों ही किसानों से रूठ गए हैं।
बरूंदनी का फतह सागर तालाब लबालब-
बरूंदनी स्थित फतह सागर तालाब में बारिश का पानी तेजी से भरने से मंगलवार की शाम तक तालाब पूरी तरह लबालब हो गया। यदि बारिश इसी तरह जारी रही तो तालाब पर फिर से पानी की चादर चलने की संभावना है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों बाद तालाब इतना भरा है, लेकिन इस खुशी के साथ चिंता भी बढ़ी है क्योंकि खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
नेताओं ने जताई चिंता, मांगी राहत-
बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान को लेकर जनप्रतिनिधियों और किसानों ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि “बिन मौसम आई बारिश ने किसानों पर दोहरी मार कर दी है। पहले खरीफ की फसलें खराब हुईं और अब जो बची हुई थी, वह भी बर्बाद हो गई। सरकार को तत्काल सर्वे करवा कर किसानों को राहत देनी चाहिए।”
पूर्व प्रधान गोपाल मालवीय ने कहा कि “यह बारिश किसानों के मुंह का निवाला छीनने वाली साबित हुई है। जो किसान फसल घर नहीं ला सके, उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। राज्य सरकार को तुरंत सर्वेक्षण कर सहायता देनी चाहिए।”
प्रधान जितेन्द्र कुमार मूंदड़ा ने कहा कि “मांडलगढ़ क्षेत्र में किसानों की दोनों फसलों की उम्मीदें टूट गई हैं। खेतों में पानी भरा है, और सरकार ने अभी तक पिछली बार का मुआवजा भी नहीं दिया है। किसानों के साथ यह अन्याय है, राहत की त्वरित घोषणा होनी चाहिए।”
वहीं, मांडलगढ़ विधायक गोपाल लाल खंडेलवाल ने भरोसा दिलाया कि “भाजपा सरकार सदैव किसानों के साथ रही है। बारिश से हुए नुकसान का सर्वे करवाया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मैं स्वयं किसानों की सहायता के लिए तत्पर हूं।”
किसान बोले हमारी मेहनत डूब गई-
गांवों में किसानों का कहना है कि उन्होंने बड़ी उम्मीदों से खरीफ की फसलें बोई थीं। मक्का, मूंगफली, सोयाबीन और अरहर की फसलें अब पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं। कई जगह खेतों में कटाई के बाद रखी उपज भीगकर सड़ रही है। खेतों में बने बीडो (ढेरों) में रखा चारा और भूसा भी गीला हो गया है, जिससे पशुओं के लिए भोजन की समस्या खड़ी हो गई है।
बिजली और आवागमन भी प्रभावित-
लगातार हो रही बारिश के चलते कई गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। मिट्टी के रास्ते फिसलन भरे हो गए हैं, जिससे लोगों का आवागमन मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को स्कूल जाना मुश्किल हो गया है और कई जगह छोटी पुलियाओं पर पानी बह रहा है।
राहत की मांग तेज-
लगातार हो रही बारिश से परेशान किसानों ने प्रशासन से शीघ्र सर्वेक्षण कर फसल बीमा क्लेम व मुआवजा दिलाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर राहत नहीं मिली तो आने वाले रबी सीजन की बुवाई भी प्रभावित होगी।
नजारे बने चिंता का सबब-
बरूंदनी के खेतों में भरे पानी में पड़ी फसलें किसानों की बेबसी बयां कर रही हैं। वहीं, ओराई नहर में बहता पानी और फतह सागर तालाब की छलकती लहरें बारिश की तीव्रता को दिखा रही हैं।


