बन्शीलाल धाकड़
स्मार्ट हलचल/चित्तौड़गढ़ कृषि विज्ञान केन्द्र, द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत आयोजित प्रथम पक्ति प्रदर्शनों (तिलहन) में सोयाबीन फसल की नवीन उन्नत किस्म जे.एस. 20-98 पर पंचायत समिति भैसरोडगढ के गांव शम्भूनाथ जी का खेड़ा में दिनांक 19 सितम्बर, 2024 को प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। सोयाबीन किस्म जे.एस. 20-98 के 25 किसानों के यहां 10 हैक्टर में प्रदर्शन आयोजित किये गये। जिसमें 45 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलकी, ने कृषको को प्रदर्शन खेत व कृषक पद्धति के खेतों में तुलना करते हुए अन्तर स्पष्ट किया उन्होने प्रदर्शन खेत के पौधो की वृद्धि व शाखाएं अधिक तथा फलियों व दानों की संख्या स्थानीय किस्म से अधिक पाई गई. यह किस्म 95-98 दिन में पकती है एवं रेतीली एवं मध्यम भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, औसत पैदावार 25-28 क्विंटल प्रति हैक्टर, दानों में तेल की मात्रा 19.3 प्रतिशत, प्रोटीन 40 प्रतिशत होता है। कम एवं मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रो के लिए एकाधिक प्रतिरोधी किस्म है। प्रदर्शन खेत से प्राप्त उत्पादन बीज को प्रसार करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही फसलों में खरपतवार प्रबंधन तथा समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन की तकनीकी जानकारी दी। केन्द्र के संजय कुमार धाकड, कार्यकम सहायक ने सोयाबीन की खेती में बीजोपचार व पौध संरक्षण के बारे में तकनीकी जानकारी पर चर्चा करते हुए उत्पादित बीज को आगामी फसल की बुवाई के लिए भण्डारण कर स्वयं एवं पडोसी गांवो के अन्य किसानों को बीज के रूप में बेचकर आमदनी में वृद्धि करने के लिए प्रेरित किया। यह किस्म में पीला मोजेक रोग प्रतिरोधी है। साथ ही उन्होंने फल व सब्जियों में कीट रोग प्रबंधन के जैविक तरीके बताये। सोनिया धाकड, कृषि पर्यवेक्षक तोलम्बिया, भैसरोडगढ ने उपस्थित कृषक एवं कृषक महिलाओं को सोयाबीन की उन्नत तकनीकी के बारे में जानकारी दी साथ ही कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं अनुदानों के बारे में जानकारी दी। अन्त में केन्द्र के शंकर लाल नाई, सहायक कृषि अधिकारी (सेवानिवृत) ने प्रक्षेत्र दिवस में उपस्थित सभी कृषक एवं कृषक महिलाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।