मांडल । नानीबाई रो मायरो कथा समिति संयोजक मदन लाल लोहार ने बताया कि पंडित प्रणव त्रिपाठी ने मन्त्रोंचार के साथ एजमानो के द्वारा श्री शेषशायी भगवान व व्यासपीठ की की पूजा कराई गई । व्यासपीठ से बोलते हुए राष्ट्रीय कथा वाचिका बाल व्यास दीपा दाधीच ने बताया कि नरसी मेहता की दादी ने नरसी मेहता का विवाह कर दिया नरसी मेहता एक पुत्र व एक पुत्री हुई पुत्र का नाम सावलदास व पुत्री का नाम हरनंदी रखा पुत्र सावलदास का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया हरनंदी को परिवार वाले व गांव वाले नानीबाई कहने लग गये नानीबाई का विवाह नगर अंजार मे श्री रंग जी के पुत्र परशुराम जी से बड़े ही ठाठ बाठ से किया नानी बाई के विवाह के बाद नरसी जी ने अपनी सारी सम्पदा धर्म के नाम पर लुटा दी नरसी मेहता को वैराग्य हो गया नरसी मेहता संतो के साथ रामसरोवर पाल पर कुटिया बनाकर रहने लगे नानीबाई के विवाह कै बाद नानी बाई ने कन्या को जन्म दिया धीरे धीरे कन्या बड़ी हुई नरसी मेहता के दोहीती होने के बाद नरसी मेहता को खबर नहीं दी नरसी जी दोहीती का विवाह भी मंड गया श्री रंग जी ने विवाह की पहली कंकूपतरी गणेश जी महाराज को लिखी व दूसरी कंकुपत्री नरसी मेहता को िखी कोकलिया जी महाराज के साथ नरसी मेहता के कंकुपत्री भिजवाई नरसी मेहता को कंकुपत्री मिली नरसी मेहता ने कंकुपत्री भगवान के चरणों मे रखदी नरसी मेहता मायरे की त्येयारी करने लगे टूटी गाड़ी ओर बूढ़े बेलो को ओर सोलह संतो के साथ नगर अंजार जाने लगे गाड़ी मे तुम्बे, तुलसी माला इकतारा ओर बीच मे लड्डू गोपाल की स्थापना की नरसी मेहता ने भगवान को पुकारा जब भगवान को पता लगा तो भगवान किशना खाती बनकर नरसी मेहता की गाड़ी के पीछे दौड़ने लगे ओर कहने लगे मुझे भी नगर ले चलो मुझे नानीबाई का मायरा देखना चाहूंगा व थाली मे पोन पावला डालूंगा यह सुनते ही नरसी मेहता बोले ये ही मायरा है यह गाड़ी भी टूटी हुई है ओर बेल भी बूढ़े है भगवान बोले मे इस गाड़ी को अभी ठीक कर सकता हु भगवान ने गाड़ी ठीक की व बेलो को जवान किया भगवान ने गाड़ी चलाई गाड़ी विमान बन गईभगवान ने नरसी मेहता व सोलह संतो को नगर अंजार पहुंचायाइस अवसर पर पंजलि के योग गुरु बाबा रामदेव के परम शिष्य परमार्थ देव जी पधारे उन्होंने भी शिक्षा प्रद प्रवचन दिया इस अवसर पर दाधीच ने मोहन आओ तो सरी, मांग मांग मनचाहा वर, मेरा भोला है जग से निराला व क्या लेकर आयाघणी दूर सु दोड्यो आयो थारी गाडूली के लार बन्दे क्या लेकर जायेगा अंत मे ठाकुर जी की आरती के बाद प्रसाद वितरण किया ।