आसींद । आसींद कस्बे की प्रेम वाटिका में चल रही राम कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य धर्मदास महाराज ने कहा कि विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण जनकपुरी गए। जहां जनक ने सीता स्वयंवर में शर्त रखी कि जो धनुष को उठाएगा,सीता का विवाह उसी के साथ कर दिया जाएगा। कहा कि राम ने जनक की शर्त को पूरी करते हुए शिव धनुष को तोड़ दिया। जिस पर भगवान परशुराम क्रोधित हो जाते है। जिन्हें प्रभु श्री राम बड़ी ही शालीनता से शांत करते है। कथा में राम,सीता,और लक्ष्मण की सुंदर-सुंदर झांकियां भी प्रस्तुत की गई। कथा वाचक धर्म दास जी महाराज ने कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में साढ़े 12 लाख मशीन के कत्लखाने हो गए हैं। सरकारें गायों के लिए बहुत कुछ करती हैं,लेकिन वह गौ माता तक नहीं पहुंचती.यदि गौ माता के लिए कुछ किया होता, तो गाय कचरा खाते सड़क पर नहीं घूमती.उन्होंने कहा कि एक भी गाय मरती है,तो राष्ट्र को त्रासदी भुगतनी पड़ती है. देश में अनेक स्थानों पर आने वाली त्रासदियां गौ माता की दुर्दशा का ही परिणाम है. उन्होंने कत्लखानों में गौमाता के साथ होने वाले वीभत्स अत्याचार की करुण गाथा का रुदन स्वर में वर्णन किया। परशुराम सोनी ने कथा के दौरान कहा कि अपने बच्चों को कार नहीं संस्कार देना चाहिए. संस्कार आ गए तो वह कार की लाइन लगा देगा. उन्होंने कहा कि संस्कार बुजुर्ग देते हैं, लेकिन दादी को मोबाइल से और पोते को पढ़ाई से फुर्सत नहीं है. बच्चों को कहानी सुना कर संस्कार दिए जा सकते हैं, ऐसी एजुकेशन बच्चों को दें कि वह बुढ़ापे में सेवा भी करें. उन्होंने कहा कि जो मंदिर जाने,शिव पर जल चढ़ाने को लेकर प्रश्न उठाता है. वह हमें सनातन धर्म से हटाकर अन्य धर्म में ले जाने की तैयारी कर रहा है.उन्होंने कहा कि शिव की प्रतीक्षा करो,परीक्षा मत लो. शिव महापुराण कथा कल्प वृक्ष है, जो मांगोगे मिलेगा। सनातन धर्म के लोग अगर कुछ अच्छा करते हैं, तो विरोधी उनकी टांग खींचते हैं इस मौके पर परशराम सोनी लादू लाल छिपा प्रभु दास वैष्णव भेरुलाल मेवाड़ा गोपी लाल कुमावत भेरूलाल सुथार बलवंत सिंह चुंडावत लक्ष्मी लाल शर्मा बालचंद शर्मा सुनीता सोनी जमना देवी सोनी गोदावरी शर्मा सुनिता तोसनीवाल श्याम सिंह दौलतगढ़ रमेश टेलर आदि मौजूद रहे।