विशाल हरीबोल प्रभातफेरी,सामूहिक पूर्णिमा व्रत उद्यापन महाप्रसादी सोमवार को
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)क्षेत्र के ग्राम बहका खेड़ा में ग्रामीणों द्वारा सामूहिक पूर्णिमा व्रत उद्यापन के उपलक्ष पर सप्तदिवासीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं विशाल हरीबोल प्रभातफेरी का आयोजन किया जा रहा है।सोमवार को 51 कलाशो की यात्रा के साथ नृसिंह मंदिर के महंत छैल बिहारी दास महाराज के सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा की शुरुआत हुई।बुधूवार को कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित पवन शास्त्री ने ज्ञान वैराग्य सदाचार और मानव धर्म के सकारात्मक परिणाम बताए उन्होंने कहा की आपके अच्छे कर्म और जीवो पर दया ही आपके अंतिम समय में प्रभु चरणों में स्थान दिला सकता है। मोह माया और लालच के वस में भाई भाई से झगड़ा करता है भाई बहन से झगड़ा कर भाई बहन का रक्षा सूत्र तक का रिश्ता तोड़ देता है।कथा वाचक पंडित पवन शास्त्री ने श्रोताओं को कहा की दान पुण्य और जीव दया तो पाप मुक्ति का साधन है ही लेकिन धर्म शास्त्रों में दान और पुण्य को पाप के साथ ही आत्म-जागरूकता, सत्संग और स्वयं में सुधार भी पाप से मुक्ति में सहायक होते हैं।उन्होंने कहा भागवत से मानव को कर्तव्यबोध होता है।मनुष्यों का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं।कथा व्यास ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है। उन्होंने कहा कि भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निस्काम हो वहीं सच्ची भक्ति है। कर्दम देहुती का संवाद, कपिल मुनि एवं देहुती का संवाद,शिव सती का संवाद,ध्रुव का चरित्र जड़ भारत का चरित्र, व 28 प्रकार के नरको की कथा श्रवण कराई।कार्यक्रम में श्रीमद भागवत कथा पूर्णाहुति हवन व रात्रि जागरण 11 मई को तथा हरीबोल प्रभातफेरी एवं महाप्रसादी 12 मई सोमवार को होगी।