रायपुर 10 अक्टूबर । उपखंड के ग्राम पंचायत स्थित भरका माता मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। गंगापुर के भीलवाड़ा राजमार्ग पर स्थित लाखोला चौराहे से करीब 8 किलोमीटर दूर भरक ग्राम में भरका माता का मंदिर है । मेवाड़ क्षेत्र का यह शक्तिपीठ खासा मशहूर है। देश के कोने कोने से लोग यहां पर दर्शन को साल भर आते हैं।भारत माता अभ्रक खनन व्यवसायियों की ईष्ट देवी रही है। बताया जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व राजा भरतहरी ने यहां पर कठोर तपस्या कर माता की मूर्ति की स्थापना की ।यहां स्थित गुफा में पुराने जमाने में शेर रहा करते थे। माता की पहाड़ी के नीचे सैकड़ों ठठेरा परिवार निवास करते थे। ठठेरो के बर्तन बनाने की गुंज दूर दूर तक सुनाई देती थी। बताया जाता है कि चौरासी नौपत की आवाज एक साथ सुनाई देती थी।माता का भंडारा साल में एक बार खोला जाता है। पहाड़ी के निकट गोशाला है, जहां करीब 600 गौ माता की देखभाल की जा रही है। वर्तमान में भी राजस्थान सरकार द्वारा 50 लाख रुपए का बायो गैस प्लांट का कार्य भी प्रगति पर है। भरका देवी विकास समिति की ओर से मंदिर के विकास कार्यों में पूरा सहयोग किया जाता है। यह मंदिर विशेष संगमरमर से बन गया है ।पहले दर्शनार्थियों को 763 सीढियां चढ़कर जाना पड़ता था, अब मंदिर से कुछ कदम दूरी तक पक्की सडक बन गई है। वाहन सीधे मंदिर के निकट जा सकते हैं। 15 किलोमीटर दूरी से ही माता का दरबार दिखाई देता है। नवरात्रि में संपूर्ण भारत से भक्तगण यहां दर्शन के लिए आते हैं।