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भारत रत्न :- किसे दिया जाता है पुरस्कार,अवॉर्ड लेने वालों को किन नियमों का करना होता है पालन?

Bharat Ratna Award Knowledge:भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा को मान्‍यता देने के लिये दिया जाता है.

भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद(President Dr Rajendra Prasad) ने की थी.

सबसे पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था.

1954 में ये सम्मान केवल जीवित रहते दिया जाता था, लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिये जाने का प्रावधान जोड़ा गया.

भारत रत्न प्राप्त करने वालों की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर की जाती है. यह सम्मान हर साल 26 जनवरी को दिया जाता है.

हस्तियों को मिला सम्मान
अबतक अलग-अलग क्षेत्रों की 50 हस्तियों को भारत रत्न से नवाजा जा चुका है. ये सम्मान गैर भारतीयों को भी दिया गया है. हालांकि सम्मानित हुए व्यक्तियों में अबतक ज्यादातर राजनेता ही रहे हैं. मरणोपरांत सर्वप्रथम लाल बहादुर शास्त्री को पुरस्कार दिया गया था.

राजनीति से अलग दूसरे क्षेत्रों में भारत रत्न प्राप्त करने वाली कुछ शख्सियत हैं- साइंटिस्ट चंद्रशेखर वेंकटरमन, समाजसेविका मदर टेरेसा, अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन, गायिका लता मंगेशकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, संगीतकार भूपेन हजारिका.

भारत रत्न देने की क्या है प्रक्रिया
भारत रत्न पुरस्कार किसी औपचारिक नामांकन प्रक्रिया के अधीन नहीं है. देश के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को पुरस्कार के लिए नामित कर सकते हैं. इसके अलावा, मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को सिफारिशें भेज सकते हैं.

इन सिफारिशों पर प्रधानमंत्री कार्यालय में विचार-विमर्श होता है और उसके बाद राष्ट्रपति को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाता है.

राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद ही किसी व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है. हर साल अधिकतम तीन हस्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है. हालांकि ये जरूरी नहीं है कि हर साल भारत रत्न सम्मान दिया ही जाना है. किसी व्यक्ति के जीवन काल या मरणोपरांत दोनों तरह से दिया जाता है.

भारत रत्न से सम्मानित लोगों को मिलता क्या-क्या है?
भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को एक मेडल और आधिकारिक प्रमाण पत्र दिया जाता है. यह मेडल पीपल के पत्ते जैसा दिखता है, जो शुद्ध तांबे का होता है. यह 5.8 सेमी लंबा, 4.7 सेमी चौड़ा और 3.1 मिमी मोटा होता है. पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूरज बना होता है. इसका किनारा भी प्लैटिनम का होता है.

मेडल पर नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है. जबकि पीछे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ बना होता है और नीचे हिंदी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा होता है. वहीं सर्टिफिकेट में सम्मानित व्यक्ति का नाम, सम्मानित किए जाने का साल और राष्ट्रपति के साइन होते हैं.

भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति देश के लिए VIP
भारत रत्न प्राप्तकर्ता एक तरह से देश के लिए वीआईपी होता है. उसे सरकारी महकमे से कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. जैसे- रेलवे की ओर से फ्री यात्रा, राज्य में राजकीय अतिथि का दर्जा, अहम सरकारी कार्यक्रमों का न्योता, वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह दी जाती है.

उन्हें प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह दी जाती है.

संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार, भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति इस पुरस्कार का नाम अपने नाम के आगे या पीछे नहीं लिख सकता है. हालांकि अगर वह आवश्यक समझता है तो यह दर्शाने के लिए कि उसे ये अवॉर्ड मिला है तो इस तरह से लिखा जा सकता है:- ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’.

मोदी सरकार ने किस किसको दिए भारत रत्न
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने समय-समय पर देश की कई शख्सयितों को भारत रत्न से नवाजा. साल 2015 में मोदी सरकार ने सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न दिया था. मदन मोहन मालवीय एक शिक्षक और स्वतंत्रता सेनानी थे.

मिलती हैं ये सुविधाएं

  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर का वीआईपी दर्जा मिलता है.
  • लाइफटाइम इनकम टैक्स न भरने की छूट भी मिलती है.
  • भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति संसद की बैठकों और सत्र में शामिल हो सकते हैं.
  • देश के राष्ट्रीय त्योहारों जैसे इंडिपेंडेंस डे और रिपब्लिक डे के कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत कर सकते हैं.
  • भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति प्लेन, ट्रेन और बस में फ्री में सफर कर सकते हैं.
  • वहीं, भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति के किसी भी राज्य में घूमने जाने पर उन्हें वहां के राज्य अतिथि का दर्जा हासिल होता है.
  • भारत रत्न पाने वाले लोगों को राज्य सरकारें सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं.
  • इस अवॉर्ड से सम्मानित व्यक्ति को सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है. यह एक तरह का प्रोटोकॉल होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है. इसमें सम्मानित शख्स को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उप प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है.

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