भीलवाड़ा/भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने प्रभाष चौधरी के नेतृत्व में विभिन्न मांगो को लेकर प्रधानमंत्री के नाम सांसद को ज्ञापन सौंपा।जिला महामंत्री कमलेश हाड़ा ने बताया कि ज्ञापन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की लंबित मांगों पर तत्काल ध्यान देने का आग्रह किया है। महासंघ ने 50 वर्षों से कार्यरत समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के तहत काम कर रहे इन कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की है, साथ ही न्यूनतम वेतन, पेंशन और अन्य सुविधाओं की भी अपील की है। जिला मंत्री हरीश सुवालका ने बताया कि ज्ञापन में आईसीडीएस योजना को 50 साल पूरे होने जा रहे हैं और इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने समर्पण के साथ काम किया है। उनके प्रयासों से पोलियो उन्मूलन, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी और कोरोना महामारी के दौरान अमूल्य योगदान जैसे महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने मतदान प्रतिशत बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, इतने लंबे सफर के बाद भी आईसीडीएस आज भी एक योजना मात्र बनकर रह गई है और इसके कर्मचारियों को उनका उचित हक नहीं मिल पाया है। संघ ने इस बात पर निराशा व्यक्त की है कि 2018 के बाद से उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और 2025-26 के बजट में भी उन्हें अनदेखा किया गया है।
*ज्ञापन में ये है, प्रमुख मांगें …*
आईसीडीएस योजना के नाम को समाप्त कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। जब तक यह नहीं होता, तब तक कार्यकर्ताओं को 25,000 और सहायिकाओं को 13,000 मासिक न्यूनतम मानदेय दिये जाने, सेवानिवृत्ति के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 10 लाख और सहायिकाओं को 5 लाख की एकमुश्त राशि दी जाए। इसके अतिरिक्त, कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 5,000 और सहायिकाओं को 3,000 सेवानिवृत्ति पेंशन का लाभ दिलाने, नई शिक्षा नीति (पोषण भी पढ़ाई भी) के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शिक्षिका का दर्जा दिया जाए और उन्हें शिक्षिकाओं के समान सभी लाभ दिलाने, आंगनवाड़ी केंद्रों में आने वाले 3-6 वर्ष के बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, विद्यालयों की तरह गर्मी और सर्दी की छुट्टियों को तत्काल मंजूरी दी जाने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वरीयता के आधार पर 50 प्रतिशत सीधी पदोन्नति दी जाए, जिसमें उम्र सीमा की बाध्यता समाप्त की जाए। साथ ही, उन्हें पीएफ, ग्रेच्युटी, बोनस, आश्रितों के लिए मेडिकल सुविधा और विभागीय मोबाइल के सिमकार्ड में एक वर्ष का 3,999 का रिचार्ज स्वीकृत किया जाने, एक समान ड्रेस कोड पूरे देश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए एक समान ड्रेस कोड लागू किये जाने की मांग ज्ञापन के माध्यम से की गई।
*ज्ञापन के दौरान ये मौजूद रहे।*
पद्मा शर्मा, संतोष कंवर, कैलाश कंवर, अनिता चौबे, आशा व्यास, पुष्पा शर्मा, लक्ष्मी सुवालका, मंजू, उमा गुर्जर, रिटा शर्मा आदि बहनें व भामस के जगदीश माली, महेश शर्मा, राजेश जीनगर सहित सैकड़ों बहने उपस्थित रही।