Homeभरतपुरजीवन भर ज्ञान का दान एवं जाते हुए भी दृष्टि का दान,...

जीवन भर ज्ञान का दान एवं जाते हुए भी दृष्टि का दान, भवानीमंडी की शिक्षिका कविता माहेश्वरी का हुआ नेत्रदान

जीवन भर ज्ञान का दान एवं जाते हुए भी दृष्टि का दान, भवानीमंडी की शिक्षिका कविता माहेश्वरी का हुआ नेत्रदान

एंबुलेंस रुकवा कर बीच रास्ते में लिया नेत्रदान

भवानीमंडी में 107 वां नेत्रदान, तीन दिन में दूसरा नेत्रदान
रणवीर सिंह चौहान भवानी मंडी
स्मार्ट हलचल /नेत्रदान किसी को नई जिंदगी देने का बहुत बड़ा माध्यम है, साथ ही यह मृतक परिजन की आंखों को अमर बनाने का एक प्रयास है, यही कारण है कि भवानीमंडी में लगातार नेत्रदान के प्रति सकारात्मकता बढ़ती जा रही है, एवं तीन दिनों में दूसरा नेत्रदान भवानीमंडी से हुआ है।
भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि राजस्थान टेक्सटाइल मिल में आईटी डिपार्टमेंट के डिप्टी मैनेजर पंकज तोषनीवाल की धर्मपत्नी कविता माहेश्वरी शिक्षिका की हृदयाघात से मृत्यु होने के बाद परिवारजन पार्थिव शरीर को भवानीमंडी से लेकर भीलवाड़ा जा रहे थे, रास्ते में अवधेशकुमार शर्मा, विपिन शौत्रीय एवं मारवाड़ी महिला मंडल की प्रवक्ता सुधा फलेट की प्रेरणा से मृतका के परिवार ने नेत्रदान का निर्णय लिया, तुरंत नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के द्वारा सूचना देने पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड के द्वारा नेत्रदान प्राप्त किया गया। जिस समय परिवार में नेत्रदान के प्रति सहमति बनी उस समय तक एंबुलेंस कोटा तक पहुंच चुकी थी, सूचना मिलने पर एंबुलेंस को वही रोक कर डॉ कुलवंत गौड ने स्कूटर से हैंगिंग ब्रिज पर जाकर एंबुलेंस में ही नेत्रदान प्रक्रिया संपन्न करके कॉर्निया प्राप्त किया। मृतक कविता माहेश्वरी का कॉर्निया अच्छा पाया गया है, इसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है जहां यह 6 से 8 नेत्रहीनों को नई रोशनी दे सकेगा। डॉ कुलवंत गौड़ के अनुसार जब नेत्रदान के समय मृतक युवा आयु का है तो ऐसे में आधुनिक टेक्नोलॉजी से मृतक के कॉर्निया को अलग-अलग परतों में विभाजितकर लिया जाता है एवं इस तरह एक कॉर्निया की चार परतों को चार अलग-अलग लोगों को ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
भारत विकास परिषद के अनुसार यह शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से यह भवानीमंडी क्षेत्र से प्राप्त 107 वाँ नेत्रदान है, जोकि पूरे झालावाड़ जिले में सबसे अधिक है एवं कोटा संभाग में कोटा के बाद सर्वाधिक है, जिसके माध्यम से 214 से अधिक नेत्रहीनों को नई रोशनी दी जा चुकी है, वही यह तीन दिनों के अंदर दूसरा नेत्रदान प्राप्त किया गया है, इससे पहले बुधवार को देवीप्रसाद जी जायसवाल का नेत्रदान हुआ है।
37 वर्षीय मृतका कविता माहेश्वरी स्थानीय निजी विद्यालय में अध्यापन का कार्य कर रही थी, ऐसे में जब विद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों को जैसे ही मैडम की मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ तो सभी ने गहरे शोक को प्रकट किया।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
news paper logo
RELATED ARTICLES