सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा उपकार जीवन में और कोई नहीं हो सकता है । जीवन की मूलभूत आवश्यकता पहले भोजन और पानी है । इस समय गर्मी पड़ रही है, चिलचिलाती धूप में अगर प्यासे को पानी न मिले तो व्यक्ति लू की चपेट में आ सकता है । इन सबसे बचाने के लिए हाथीपुरा निवासी प्रभु बा यानि प्रभु दास वैष्णव ने कालिरडिया चौराहे के पास प्याऊ लगाई ताकि कोई भी व्यक्ति प्यासा न रहे । उनके इस कार्य की प्यास बुझाने वाले राहगीर मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं । प्रभु बा कालिरडिया चौराहे पर बरगद के पेड़ के नीचे निःशुल्क प्याऊ लगा रखी है, जिसमें मिट्टी के मटके रखकर प्रतिदिन ताजा पानी भरते हैं, साथ ही प्यासे को पानी पिला रहे हैं ।
जो दे उसका भी भला और जो ना दे उसका भी भला
प्याऊ पर आकर लोगों को पानी पिलाना प्रभु दास की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है, इसके लिए उनको कोई तनख्वाह नहीं देता है, जो भी राहगीरी पानी पीने आते हैं अगर वह कुछ देते हैं, वही प्रभु दास की कमाई होती है । प्रभु दास कहते हैं कि राहगीरी आते जो पैसे देते हैं, जो पैसे देते हैं उनका भी भला हो और जो नही देता उनका भी भला, क्योंकि प्रभु दास को पानी पिलाने का पुण्य भगवान उनको देते है ।।
पहले मां का प्याऊ में सहयोग करते थे
प्रभु दास बताते हैं कि वह पिछले करीब 60 वर्षों से प्याऊ लगाकर लोगों को ठंडा पानी पिला रहे हैं, इससे पूर्व वह अपनी मां के साथ प्रतिदिन आकर मां का सहयोग करते थे, जिससे देखकर उन्होंने गर्मी में लोगों को प्यास से बचाने के लिए संकल्प लिया, कि प्याऊ में लोगों को पानी पिलाकर तृप्ति करेंगे, तब से ही वह लोगों को पानी पिला रहे हैं ।।
आधा किलोमीटर दूर से सिर पर लाते हैं पानी
प्याऊ में रखे मटको में पानी भरने के लिए प्रभु दास आधा किलोमीटर दूर इदोकड़ा की झोपड़ियां मार्ग पर लगी पानी की टंकी या खेत पर कुएं से पानी लेकर आते हैं और मटकों में पानी भरकर राहगीरों को ठंडा पानी पिलाते हैं, ठंडा पानी पिकर लोगों के मन को चैन मिलता है, क्योंकि इस चिलचिलाती धूप में लोगों के कंठ सुख जाते हैं ।।