पुनित चपलोत
भीलवाड़ा के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में पिछले काफी समय से बंद पड़ी कान की बड़ी जांच मशीन (ऑडियोमीट्री मशीन) मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। मशीन की मरम्मत या नई मशीन की व्यवस्था न होने से न सिर्फ भीलवाड़ा, बल्कि पूरे जिले के मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
हर महीने सैकड़ों मरीज यहां जांच के लिए आते हैं, लेकिन मशीन खराब होने के कारण उन्हें या तो निजी अस्पतालों में महंगी जांच करानी पड़ती है या फिर अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है या जयपुर के लिये रेफर किया जाता है इससे गरीब तबके के मरीज खासे प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद हारून रंगरेज भीलवाड़ा ने बताया है कि मशीन खराब हुए काफी समय हो चुके हैं, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं किया गया है। जनता का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज कर दिया है।
रंगरेज ने बताया, “हमें हर बार कहा जाता है कि मशीन जल्दी ठीक कर दी जाएगी, लेकिन अब तो बहुत समय बीत गया मगर अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। निजी अस्पतालों में जांच कराना हमारी जेब पर भारी पड़ता है।
भीलवाड़ा और आसपास के लोग अब इस समस्या को लेकर आक्रोशित हैं। उन्होंने सरकार और अस्पताल प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द नई मशीन की व्यवस्था की जाए या पुरानी मशीन की मरम्मत कराई जाए ताकि मरीजों को राहत मिल सके।
यह स्थिति प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक है और इसके जल्द समाधान की जरूरत है। जनता को उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।