पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । शहर में साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया और बेहद खतरनाक तरीका ईजाद कर दिया है। ताज़ा मामले में एक स्कैमर ने खुद को महिला थाने का सीआई बताकर युवक से 10 हजार रुपये वसूलने की बेशर्म कोशिश की। युवक की समझदारी से वही ठगी से बच गया।
व्हाट्सएप पर एफआईआर भेजकर जाल बिछाया
प्रतापनगर थाना क्षेत्र निवासी अनिल सेन के मोबाइल पर अचानक 09586031028 नंबर से एक एफआईआर की कॉपी भेजी गई। कॉपी में वही केस दर्ज था जिसे उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ करवाया था। कॉपी असली जैसी ही रही थी।
इसके कुछ ही मिनट बाद उसी नंबर से कॉल-
मैं महिला थाने का सीआई बोल रहा हूं, व्हाट्सएप कॉल करो। युवक ने कॉल किया तो उधर से धमकाने वाला लहजा, तुम्हारा और तुम्हारे पूरे परिवार का नाम इस केस में फंसा हुआ है। लेकिन चाहो तो मैं नाम हटवा दूंगाज् एफआर भी लगवा दूंगा। बस चाय-पानी के 10 हजार डाल दो। मैं, मेरा रीडर और मुंशी खुरश हो जाएंगे ! स्कैमर ने स्कैनर भेजकर तुरंत कागज़ भेजने और पैसे डालने का दबाव भी बनाया। साफ था-ठगी की पूरी चाल तैयार थी।
युवक की सूझबूझ ने बचा लिया, फिर खुला बड़ा राज
युवक को शक हुआ। उसने सीधे महिला थाने से संपर्क किया। वहां से जो खुलासा हुआ, उसने मामला और गंभीर कर दिया-यह नंबर पहले भी इसी तरह के स्कैम में इस्तेमाल हो चुका है! और कई लोगों से हजारों रुपये ऐंठने की जानकारी सामने आई है।
चेतावनी – यह नया साइबर गैंग शहर में सक्रिय !
पुलिस ने साफ किया है की कोई भी अधिकारी व्हाट्सएप पर पैसे नहीं मांगता। कोई आपको रिपोर्ट से नाम हटाने का लालच दे, तो समझ जाइए यह सौ प्रतिशत ठगी है। किसी भी लिंक, कॉल या डॉक्यूमेंट पर भरोसा न करें। तुरंत पुलिस को शिकायत दें।
भीलवाड़ा में साइबर ठगी की यह नई वारदात साफ संकेत देती है कि ऐसे गैंग अब और ज्यादा सक्रिय हो चुके हैं। शहरवासियों को सतर्क रहने की जरूरत है।


