जिला भीलवाड़ा लेकिन कार्य के लिए शाहपुरा जाना, यह कैसी प्रशासनिक लापरवाही
मांडलगढ़, स्मार्ट हलचल। पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा नए जिले के गठन के अंतर्गत मांडलगढ़ की 16 ग्राम पंचायतों को शाहपुरा नवनिर्मित जिले में शामिल कर लिया गया था, जिसके चलते मानपुरा ग्राम वासियों ने लंबे समय तक अनशन किया परिणाम स्वरुप गहलोत सरकार ने फैसला बदलते हुए 8 ग्राम पंचायत को अधिसूचना राजस्थान सरकार राजस्व (ग्रुप-1) विभाग क्रमांक: प- 9(18) राज. 1/2022 जयपुर दिनांक 6 /10/ 2023 के तहत मांडलगढ़ की 8 ग्राम पंचायत वापस तहसील मांडलगढ़ जिला भीलवाड़ा में सम्मिलित हो गई थी।
लेकिन आज भी कई कार्य शाहपुरा जिले के अंतर्गत संपादित हो रहे हैं । इस संबंध में आज मानपुरा सरपंच के सानिध्य में क्षेत्र वासियों द्वारा उपखंड अधिकारी को राजस्व मंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया जिसमें बताया गया की शिक्षा, चिकित्सा, कृषि मंडी, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास पत्र सहित अन्य कार्य जिला शाहपुरा में संपादित हो रहे हैं, जिससे क्षेत्र के किसानों, विद्यार्थियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए शाहपुर जाना पड़ रहा है वहीं किसानों को भी अनाज लेकर शाहपुरा मंडी में जाना पड़ रहा है। जिसे लेकर मानपुरा वासियों में भारी रोष है। ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी गई कि इस समस्या का समाधान शीघ्र नहीं किया गया तो मजबूरन सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।
आपको बताते चले पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा नवगठित जिलों के तहत मांडलगढ़ की कुछ ग्राम पंचायत को शाहपुरा में जोड़ दिया गया था उस वक्त मानपुरा क्षेत्र वासियों द्वारा लंबे समय तक अनशन किया गया, तत्कालीन व वर्तमान विधायक गोपाल खंडेलवाल ने अनशन के समय हमारी सरकार नहीं होने से मैं कुछ नहीं कर सकता ऐसा कह कर पल्ला झाड़ लिया था। लेकिन वर्तमान में विधायक भी वहीं हैं, और सरकार भी बीजेपी की है उसके बावजूद क्षेत्र वासियों की समस्याओं का समाधान नहीं होने से रोष व्याप्त है।