भीलवाड़ा 29 जुलाई / राजस्थान हाईकोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर की एकलपीठ नें अधीक्षण अभियंता एवं परियोजना प्रबंधक वॉटरशेड सेल कम डाटा सेंटर जिला भीलवाड़ा द्वारा जारी टेंडर नोटिस संख्या 11/2024-25 27/204-24 की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुये अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजस्थान सरकार एवं निदेशक जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग राजस्थान सहित जिला कलेक्टर भीलवाड़ा एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद भीलवाड़ा सहित अधीक्षण अभियंता एवं परियोजना प्रबंधक वॉटरशेड सेल कम डाटा सेंटर जिला भीलवाड़ा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह आदेश मैसर्स निर्वाण कंस्ट्रक्शन फर्म की याचिका पर माननीय न्यायाधिपति सुश्री रेखा बोराना की एकलपीठ ने जारी किए है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रदीप कलवानिया एडवोकेट एवं एडवोकेट सुशीला कलवानिया ने बताया कि
अधीक्षण अभियंता एवं परियोजना प्रबंधक वॉटरशेड सेल जिला भीलवाड़ा द्वारा माह फ़रवरी 2024 में भीलवाड़ा ज़िले के आठ ब्लॉकों यथा पंचायत समिति, बिजोलिया, बनेड़ा,आसिंद, जहाजपुर, कारेडा, मॉडल, माण्डलगढ़, सुवाना में जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण के कार्य करवाने हेतु आठ अल्पकालीन निविदा सूचना संख्या 06/2023-24 से 13/2023-24 जारी की थी तथा उक्त निविदा सूचना में याचिकाकर्ता सहित अन्य तीन फर्मों ने ऑनलाइन भाग लिया था जिसमें याचिकाकर्ता की फ़र्म सहित अन्य निविदा में भाग लेने वाली फर्मों की बोलियों का तकनीकी व आर्थिक मूल्यांकन किया गया जिसमें याचिकाकर्ता फ़र्म की बोली सबसे कम पाए जाने पर निविदा मूल्यांकन समिति द्वारा याचिकाकर्ता को कार्य आदेश जारी करने की अनुशंसा की तथा अधीक्षण अभियंता जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग भीलवाड़ा द्वारा याचिकाकर्ता को दिनांक 28 व 29 फ़रवरी 2024 को पत्र जारी कर सिक्यॉरिटी डिपॉज़िट एवं स्टॉम्प ड्यूटी आदि जमा करवाने हेतु निर्देशित किया जिसकी पालना में याचिकाकर्ता राशि जमा कराने दो उपस्थित हुआ लेकिन सिक्योरिटी राशि जमा करने से इंकार कर दिया और किसी अजनबी व्यक्ति की शिकायत पर श्रीमान जिला कलक्टर भीलवाड़ा के आदेश से मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद एवं लेखाधिकारी जिला कलेक्टर कार्यालय भीलवाड़ा से जाँच करवा कर टेंडर प्रक्रिया में प्रक्रियात्मक कमियां बताते हुए याचिकाकर्ता के टेंडर को निरस्त करने हेतु श्रीमान अधीक्षण अभियंता जलग्रहण विकास एवं संरक्षण विभाग भीलवाड़ा को दिनांक 19.06.2024 को पत्र जारी कर दिया। तथा याचिकाकर्ता व अन्य फर्मों उक्त टेंडर को निरस्त की सूचना नहीं दी जाकर अपने पसंदीदा फ़र्म को अनुचित लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से टेंडर की शर्तों में बदलाव करते हुए पुनः नए सिरे से 19 समान कार्यों के नए टेंडर नोटिस जारी कर दिए जिसके तहत दिनांक 29 जुलाई 2024 तक नए सिरे से टेंडर हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित की जा रहे है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रदीप कलवानिया एडवोकेट ने बताया कि श्रीमान अधीक्षण अभियंता जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग भीलवाड़ा द्वारा पूर्व टेंडर निरस्तीकरण के संबंध में कोई भी सूचना व नोटिस नहीं दिया गया और नहीं निरस्तीकरण बाबत कोई भी सूचना टेंडर प्रक्रिया में बोली लगाने वालों को दी गई। इस प्रकार विभाग द्वारा राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है साथ ही नए टेंडर में मुख्य योग्यता के मानदंडों यथा मुख्य रूप से पिछले पांच वित्तीय वर्षों के औसत वार्षिक टर्नओवर की शर्त को डिलीट कर अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से नए टेंडर जारी कर दिए। याचिकाकर्ता उक्त कार्यों के लिए विभाग द्वारा पूर्व में जारी टेंडर प्रक्रिया में एल-1 होने के बावजूद भी को वर्क ऑर्डर जारी नहीं किये जो की विधि विरुद्ध एवं RTPP एक्ट के प्रावधानों के विपरीत है लिहाज़ा नई टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगायी जाए । इस पर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की एकलपीठ ने एडवोकेट प्रदीप कलवानिया की दलील पर नए टेंडर नोटिसों की क्रियान्विति पर रोक लगाकर को राहत दी है