भीलवाड़ा । कार्तिक कृष्ण अमावस्या शुक्रवार 1 नवंबर को दीपावली का महापर्व मनाया जाएगा और महालक्ष्मी पूजन होगा । ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक शर्मा ने बताया कि निर्णय सिंधु, धर्म सिंधु के अनुसार दोनों दिन अमावस्या हो एवं दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन की अमावस्या जो प्रतिपदा के संयोग वाली हो उस दिन दीपावली पर्व मनाना चाहिए यह संयोग 1 नवंबर को मिल रहा है ।
नगर व्यास पंडित राजेन्द्र व्यास ने बताया कि भारतवर्ष के मुख्य पंचांग गणित कर्ताओं ने भी दूसरी अमावस्या 1 तारीख को ही दीपावली पर्व मनाने का उल्लेख किया है । महापर्व को लेकर आम जन में संशय बना हुआ है कोई 31 अक्टूबर को एवं अनेक विद्वान 1 नवंबर की बता रहे हैं इस वर्ष 31 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 3:53 बजे शुरू होगी 1 नवंबर शुक्रवार को साय 6:17 मिनट पर समाप्त होगी इस दिन सूर्यास्त 5:52 बजे पर होगा सूर्यास्त के 25 मिनट बाद तक अमावस्या रहेगी शास्त्रों के अनुसार एक घटी यानी 24 मिनट तक सूर्यास्त के बाद अमावस्या हो और उस दिन प्रतिपदा हो तो यह सभी योग 1 नवंबर को मिलना है स्वाति नक्षत्र का महायोग रहेगा ज्योतिष शास्त्रों में उदयात तिथि को प्राथमिकता दी जाती है उदयात तिथि अमावस्या भी 1 नवंबर को है इस कारण दीपावली का महापर्व 1 नवंबर को मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा । उन्होंने बताया शहर कई विद्वानों से चर्चा हुई सभी ने एक नवंबर को दीपावली का मुख्य पर्व मनाने को लेकर सहमत है ।