Homeभीलवाड़ाभीलवाड़ा में नवजातों पर बढ़ते जघन्य अपराध: न्याय की पुकार

भीलवाड़ा में नवजातों पर बढ़ते जघन्य अपराध: न्याय की पुकार

भीलवाड़ा, 4 नवम्बर । भीलवाड़ा की सुसंस्कृत जनता आज गहरे सदमे और व्यथित हृदय से यह देख रही है कि नवजात बच्चियों और बच्चों के साथ हो रही दरिंदगी और अमानवीय अत्याचार हमारे समाज की आत्मा को झकझोर रहे हैं। पहले मांडलगढ़-बिजोलिया में मुंह में Fevikwik डालकर की गई घटना और अब हाल ही में कोटड़ी गाँव में नवजात को गोबर में लपेटकर तालाब में फेंक देने की बर्बरता — इन कृत्यों ने पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया है।

ऐसे घिनौने अपराधों में शामिल किसी भी रिश्तेदार, परिचित या व्यक्ति को कानून के कटघरे में लाकर कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी माँ-शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मोहम्मद हारून रंगरेज़, समाजसेवी एवं पूर्व सदस्य (RMRS, महात्मा गांधी हॉस्पिटल भीलवाड़ा) ने कहा “एक माँ की गर्भावस्था, एक बच्चे का जीवन — किसी भी मानवीय कारण से छोटी-सी भी कीमत नहीं हो सकता। ऐसे कृत्यों को समाज कभी क्षमा नहीं कर सकता। प्रशासन तुरंत कठोर कार्रवाई करे, दोषियों को फांसी की नहीं तो कम से कम सख्ततम कानूनी दण्ड दिलवाए और पीड़ित परिवार को न्याय एवं संरक्षण दिया जाए।”

हमारी प्रमुख मांगें — तुरंत लागू की जाएँ

1. त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच — स्थानीय पुलिस किसी दबाव में न आकर, वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में FIR दर्ज करे और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई हो।

2. कठोरतम कानूनी सजा — बच्चे या गर्भवती महिला के साथ क्रूरतापूर्ण अपराध करने वालों को उदाहरणीय सजा दी जाए।

3. संवेदनशीलता व सुरक्षा केंद्र — गर्भवती महिलाओं और नवजात माताओं के लिए जिला व ग्राम स्तर पर “संरक्षण केंद्र” व “सुरक्षा निगरानी दल” बनाये जाएँ।

4. सामाजिक निवारक अभियान — गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य परामर्श और शिक्षा दी जाए ताकि कोई माँ मजबूरी में ऐसे कदम न उठाए।

5. जन-जागरूकता और सामाजिक निंदा — गाँव-नगर की समितियाँ, पंचायतें, समाजसेवी संस्थाएँ और युवा संगठन मिलकर ऐसी प्रवृत्तियों पर पूर्व चेतावनी व रोकथाम के लिए अभियान चलाएँ।

सख्त अपील — प्रशासन, मीडिया और समाज से

प्रशासन से अनुरोध:
नरमी न दिखाएँ। ऐसी घटनाओं पर त्वरित जांच, सख्त दंड और पारदर्शिता सुनिश्चित करें।

मीडिया से अनुरोध:
समाचारों को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ प्रस्तुत करें। पीड़ित परिवार की गोपनीयता बरकरार रखते हुए सच्चाई उजागर करें, ताकि न्याय की राह खुली रहे।

समाज से पुकार :
हर नागरिक आगे आए। यदि किसी गर्भवती महिला या नवजात के प्रति असामान्य व्यवहार दिखे, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन या महिला सशक्तिकरण संस्थाओं को सूचित करें।

भीलवाड़ा की सभी समाजसेवी संस्थाओं, संगठनों और ट्रस्टों से अनुरोध

भीलवाड़ा जिले में लगभग 3 से 4 हजार से अधिक सामाजिक सेवा संस्थाएँ, संगठन एवं ट्रस्ट सक्रिय हैं सभी से मोहम्मद हारून रंगरेज़ की विनम्र अपील है कि इस मानवता-बचाओ अभियान में एकजुट होकर शामिल हों।

यह केवल प्रशासन का नहीं, बल्कि हम सबका सामाजिक दायित्व है कि “माँ और नवजात” सुरक्षित रहें। आज समय है कि भीलवाड़ा जिला एकजुट होकर इंसानियत की इस जंग में नेतृत्व करे।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
news paper logo
RELATED ARTICLES