पुनित चपलोत
भीलवाड़ा // राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य मनोज पालीवाल ने नगर विकास न्यास (यूआईटी) भीलवाड़ा की 16 नवंबर 2025 की लॉटरी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां और नियम विरुद्ध कार्यवाही की गई है, जिससे लगभग 90 हजार फॉर्म धारकों के हितों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में लॉटरी प्रक्रिया को निरस्त कर पुनः करवाने की मांग की है। इसे लेकर शुक्रवार को कांग्रेसियों ने न्यास में प्रदर्शन कर न्यास सचिव के नाम ज्ञापन भी दिया गया।
ज्ञापन में पालीवाल ने कहा कि पूर्व में 29 अक्टूबर को भी इस संबंध में 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन आज तक न्यास प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि लॉटरी प्रक्रिया अपूर्ण और विवादित रही, जबकि अब रिफंड और आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे हजारों लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।
पालीवाल ने ज्ञापन में लिखा कि 3081 भूखंडों में जिनके आवेदन निरस्त किए गए हैं, वे प्लॉट किस तरह और किस प्रक्रिया से दोबारा अलॉट किए जा रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि निरस्त प्लॉटों की भी बंदरबांट और भ्रष्टाचार के जरिए आवंटन की जा रही है।
पालीवाल ने कहा कि लगभग 280 करोड़ रुपये की राशि पिछले चार महीनों से न्यास के खातों में जमा है, जिससे ब्याज अर्जित किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि यह रकम 12 प्रतिशत ब्याज सहित आवेदकों को लौटाई जाए। साथ ही, 2000 रुपये प्रति फॉर्म के हिसाब से लगभग 18 करोड़ 25 लाख रुपये की फीस भी जनता को वापस दी जानी चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाया कि सॉफ्टवेयर ऑडिट की बात की गई थी, लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट जनता के सामने नहीं रखी गई। पालीवाल ने पूछा कि जब लॉटरी के दिन मंत्री, विधायक और अधिकारी मौजूद थे, तो सॉफ्टवेयर में हुई अनियमितता उन्हें क्यों नहीं दिखी।
पालीवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार सुशासन और जीरो टॉलरेंस का दावा करती है, लेकिन इतनी बड़ी गड़बड़ी उनके सामने हुई और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार ऊपर तक फैला हुआ है और जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है।
कांग्रेस नेता ने मांग की कि पूरी लॉटरी प्रक्रिया को निरस्त किया जाए और दोबारा पारदर्शी तरीके से लॉटरी निकाली जाए। साथ ही, सभी फॉर्म धारकों को ब्याज सहित राशि और फॉर्म शुल्क लौटाई जाए।


