भीलवाड़ा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा संचालित ‘गिव अप अभियान’ ने भीलवाड़ा जिले में नई मिसाल कायम की है। जिले ने अब तक 1,91,748 लोगों से स्वेच्छा से एनएफएसए लाभ का त्याग (गिव अप) करवाकर ऐतिहासिक सफलता अर्जित की है। इसके अलावा ई-केवाईसी प्रक्रिया में 76,583 अपात्र लोग स्वतः ही योजना से बाहर हुए, जिससे कुल 2,68,331 अपात्र लाभार्थियों को एनएफएसए सूची से हटाया गया है। इन अपात्र लोगों के हटने से जिले को बड़ी राहत मिली है और दूसरे चरण में 2,42,857 पात्र लेकिन वंचित लोगों को एनएफएसए योजना में शामिल किया जा सका है। इससे जहां अपात्रों पर व्यय हो रही खाद्य, गैस, बीमा और चिकित्सा सब्सिडी की बड़ी बचत होगी, वहीं नए लाभार्थियों को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सकेगा।
समाज में बढ़ी जागरूकता और जिम्मेदारी
जिला रसद अधिकारी अमरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि ‘गिव अप’ अभियान के तहत चार पहिया वाहन मालिकों, सरकारी कर्मचारियों, आयकर दाताओं और 1 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले नागरिकों ने सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हुए स्वेच्छा से एनएफएसए लाभ छोड़ा है। उन्होंने कहा कि यह अभियान समाज में जागरूकता और जवाबदेही की भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
लोग बड़ी संख्या में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से ‘गिव अप’ कर सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं और एक मिसाल कायम कर रहे हैं। इस अभियान में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, मीडिया और उचित मूल्य दुकानदारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अभियान की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025
वर्तमान में गिव अप अभियान 31 दिसंबर 2025 तक जारी है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि तक स्वेच्छा से ‘गिव अप’ नहीं करने वाले अपात्र लाभार्थियों से 1 जनवरी 2026 से 30 रुपये 57 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं का मूल्य वसूला जाएगा। भीलवाड़ा जिले की यह उपलब्धि राज्यभर में अनुकरणीय बन रही है और सामाजिक जिम्मेदारी की दिशा में नया अध्याय जोड़ रही है।


